RASHTRA DEEP NEWS
डिजिटल इनिशिएटिव फोर क्वालिटी एजुकेशन (डीआईक्यूई) की बदौलत दसवीं और बारहवीं परीक्षा वाले स्कूलों के परिणाम में सकारात्मक अंतर सामने आया है।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि जिले के एकल अध्यापक अथवा अध्यापकों की कमी वाले 911 विद्यालयों में भामाशाहों के सहयोग से स्मार्ट टीवी तथा ई-कंटेंट युक्त हार्डडिस्क उपलब्ध करवाए गए थे। इनमें 200 उच्च माध्यमिक, 348 उच्च प्राथमिक तथा 321 प्राथमिक विद्यालय शामिल थे। वहीं 42 महात्मा गांधी अंगे्रेजी माध्यम स्कूलों में भी यह टीवी उपलब्ध करवाए गए थे।
जिला कलक्टर ने बताया कि स्मार्ट टीवी वाले 45 सीनियर सैकण्डी स्कूलों में इस बार बारहवीं की परीक्षाएं आयोजित हुई। इनमें से 73.33 प्रतिशत (33 विद्यालय) में शत-प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। वहीं कोरोना संक्रमण काल से पूर्व वर्ष 2019-20 में सीनियर सैकण्डरी परीक्षा वाले 15 स्कूलों में से 66.66 प्रतिशत (10 विद्यालय) के सभी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए थे।
जिला कलक्टर ने बताया कि सत्र 2022-23 में स्मार्ट टीवी वाले 96 विद्यालयों में सैकण्डरी परीक्षाएं हुई। इनमें से 55.20 प्रतिशत (53 विद्यालय) के शत-प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। जबकि वर्ष 2019-20 में सैकण्डरी परीक्षा वाले 49 में से 38.77 (19 विद्यालयं) प्रतिशत स्कूलों का परिणाम सौ फीसदी रहा था। वहीं दसवीं के 28.5 प्रतिशत तथा बारहवीं के 46.12 प्रतिशत विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी हासिल की है, जो कि वर्ष 2019-20 की तुलना में अधिक है। पूर्व में यह प्रतिशत क्रमशः 19.1 और 46.06 था।
समसा के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक गजानंद सेवक ने बताया कि नवंबर 2022 से अप्रैल 2023 तक स्मार्ट टीवी वाले स्कूलों में 1 लाख 54 हजार 882 घंटे अध्ययन करवाया गया। इस दौरान सभी कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति में औसत दस प्रतिशत तक इजाफा देखने को मिला।