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एसएमएस अस्पताल में गलत ब्लड चढ़ाने से बांदीकुई निवासी 23 साल के सचिन शर्मा की शुक्रवार को मौत हो गई। ट्रॉमा वार्ड में 12 फरवरी को सचिन को रोड एक्सीडेंट के बाद भर्ती कराया गया था। यहां मरीज को ओ पॉजिटिव की जगह एबी पॉजिटिव ब्लड और प्लाज्मा चढ़ा दिया था। जिससे दोनों किडनी खराब हो गई थी।भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि ट्रॉमा सेंटर में परिजनों को ब्लड लाने के लिए जो सैंपल और पर्ची दी गई, वह किसी और मरीज की थी। जब परिजनों ने ट्रॉमा ब्लड बैंक में यह पर्ची दी तो स्टाफ ने वही ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव थमा दिया था, जबकि सचिन का ग्रुप ओ पॉजिटिव था। इसी वजह से गलत ब्लड और प्लाज्मा सचिन को चढ़ा दिया और मौत हो गई।

मामले में दो जांच कमेटी गठित की गई है। एसएमएस अस्पताल की ओर से बनाई गई कमेटी युवक पर 24 घंटे निगरानी रख रही थी और हर तरह का इलाज उपलब्ध करा रही थी। वहीं दूसरी ओर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज की ओर से बनाया गया बोर्ड इस बात की जांच कर रहा है कि गलती किस विभाग और किससे हुई।

महेश चंद ने बताया कि सचिन उनका इकलौता बेटा था और उसकी एक छोटी बहन है। दोनों की अभी शादी नहीं हुई थी। मेरी किडनी खराब होने के बाद सचिन घर में अकेला कमाने वाला था।सचिन शर्मा ने आईटीआई कर रखी थी। कोटपूतली में काम के चलते सचिन वहीं पर किराए का कमरा लेकर रहता था। साथ ही बिजली विभाग में लाइनमैन की परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
सचिन शर्मा के पिता ने गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के दोषी डॉक्टर और नर्सिंग कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। गुरुवार को भाजपा जिला महामंत्री भवानी शंकर भारद्वाज के नेतृत्व में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा था और दोषी डॉक्टर, अन्य स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।