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कासगंज के चर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड में अदालत ने सजा सुना दी है। 2 जनवरी, 2025 को NIA कोर्ट में ट्रायल के बाद सभी को दोषी पाया गया था। जहां 3 जनवरी के दिन 28 जानों के खिलाफ उम्रकैद की सजा का एलान किया गया है।
26 जनवरी, 2018, यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर कासगंज में ABVP-VHP कार्यकर्ता तिरंगा रैली निकाल रहे थे। इसी दौरान हिंसा भड़क गई। पथराव और और गोली चल गई। चंदन भी इस तिरंगा रैली में शामिल थे जो गोली का शिकार हो गए और उनकी मौत हो गई। चंदन की उम्र 20 साल थी। वो बीकॉम फाइनल इयर के स्टूडेंट थे। इस हत्या के बाद कासगंज में भीषण हिंसा हुई, कर्फ्यू भी लगाना पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में जब ट्रायल शुरू हुआ तो पहले पीड़ित परिवार को पैरवी के लिए वकील ही नहीं मिला। तब पीड़ित परिवार ने लखनऊ हाई कोर्ट में केस ट्रांसफर की अर्जी लगाई। केस को कासगंज से एटा ट्रांसफर किया गया। लेकिन केस में राजद्रोह की धारा 124A लगी थी जिसकी वजह से इसे लखनऊ की NIA स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने 18 गवाह पेश किए और बचाव पक्ष ने 23 गवाह पेश किए। इस मामले में तीन सगे भाइयों नसीम, वसीम और सलीम को आरोपी बनाया गया था। आरोपियों ने बचने के इरादे से कई कानूनी दावपेच चले लेकिन एक भी पैतरा काम ना आया।
नसीम ने जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी की सिनियॉरिटी ओर याचिका में राजद्रोह की धारा 124 A लगाने को कोर्ट में चैंलेज कर दिया। हालांकि हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने नसीम जावेद की याचिका खारिज कर दी। यही वजह रही कि फैसला 3 महीने लेट आया। पहले NIA कोर्ट 25 अक्तूबर को इस मामले में फैसला देने वाला था। लेकिन हाई कोर्ट में याचिका के बाद फैसला टल गया।
दोषियों के नाम हैं-
आसिफ कुरेशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, असीम कुरैशी, शबाब, साकिब , मुनाजिर रफी, आमिर रफी, सलीम, वसीम, नसीम, बबलू, अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान
आसिफ जिम वाला, निशु, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, शाकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, शाकिर, जाहिद उर्फ जग्गा ।