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राजस्थान में भजनलाल सरकार अब एक्शन मूड में है। इसी के साथ राज्य में विभिन्न योजनाओं के नाम बदलने या उन्हें बंद कर नई योजना शुरू करने की दिशा में भी काम शुरू हो गया है। इसमें सबसे पहले बहुचर्चित चिरंजीव योजना पर गाज गिरने की संभावना है। इस के संकेत भी राज्य के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने दे दिए हैं। उन्होंने इस योजना को थोथा ढोल बताया है। इसी के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना के कसीदे गढ़े है।
उन्होंने कहा कि राज्य के अस्पतालों की हालत बहुत खराब है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि जान है तो जहान है। इसलिए राज्य के सभी अस्पतालों की सेहत सुधारने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। इसी क्रम में 10 हजार नए कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है।कारण यह है कि जब कमर्चारी नहीं होंगे तो अच्छी सेवा नहीं हो सकती। चिरंजीव योजना एक थोथा ढोल था। इसमें कहा तो गया था कि 25 लाख रुपये तक का इलाज फ्री होगा, लेकिन आज तक किसी को भी 8 लाख रुपये से अधिक का लाभ नहीं मिला।
मंत्री खींवसर ने कहा कि, राज्य में आयुष्मान योजना की सुविधा दी जाएगी। इससे मरीजों का संपूर्ण इलाज हो सकेगा इसका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। मंत्री के इस बयान के बाद आशंका जताई जाने लगी है कि बहुत जल्द चिरंजीव योजना को बंद किया जा सकता है।