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चंडीगढ़ में शहरी निकाय चुनाव में मेयर पद पर भाजपा का कब्जा बरकार है। पार्टी के उम्मीदवार मनोज सोनकर को मेयर घोषित कर दिया गया है। आप और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा है। मनोज सोनकर ने INDIA गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 4 वोटों से हरा दिया। पीठासीन अधिकारी ने आठ वोट अमान्य करार दिए। इस पर आप और कांग्रेस ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर कई वोटों के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगाए। कांग्रेस और आप पार्षदों का आरोप है कि अनिल मसीह वीडियो में कई वोटों पर पेन चलाते हुए नजर आए हैं। वीडियो में भी इसके सबूत हैं।
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं। वहीं, चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर भी इन चुनावों में वोट डालने के लिए पात्र थीं। इस तरह से कुल 36 मतदाताओं ने इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सदन में भाजपा के 14 पार्षद, आप के 13 तो कांग्रेस के सात पार्षद हैं। हरदीप सिंह अकाली दल के एक मात्र पार्षद हैं। वहीं, सांसद किरण खेर भाजपा से हैं।
इस तरह से संख्या बल के लिहाज से भाजपा के पक्ष में 15 और INDIA गठबंध के पक्ष में 20 वोट थे। वहीं, अकाली पार्षद ने दावा किया था कि अगर मेयर चुनाव में नोटा का विकल्प नहीं होगा तो वह बहिष्कार करेंगे। हालांकि, उन्होंने भी वोट डाला। अकाली पार्षद का वोट किसके पक्ष में पड़ा इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया। भाजपा को अपने 15 वोट के अलावा एक अतरिक्त वोट भी मिला है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह वोट अकाली पार्षद हरदीप सिंह का हो सकता है। वहीं, INDIA गठबंधन के 20 पार्षदों में से सिर्फ 12 के वोट मान्य करार दिए गए। जबकि, आठ के वोट अमान्य हो गए। इस तरह से संख्या बल में बहुमत से कम होने के बाद भी भाजपा ने मेयर की कुर्सी पर कब्जा कर लिया।
हारी हुई बाजी कैसे जीती बीजेपी? चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आप और कांग्रेस की जीत पक्की बताई जा रही थी। क्योंकि आप और कांग्रेस इस बार मिलकर बीजेपी को पटखनी देने के लिए मैदान में उतरी थी। 35 वार्षदों में से 20 पार्षद उनके थे और मेयर चुनाव में जीत के लिए 19 वोट चाहिए थे। बीजेपी की बात करें तो उसके पास सांसद किरण खेर का वोट मिलाकर कुल 16 वोट थे। लेकिन वोटिंग के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कई पार्षदों के वोटों को कैंसिल कर दिया गया। कैंसिल किए गए वोटों की संख्या 8 बताई जा रही है।
आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी पर वोटों से छेड़छाड़ का आरोप लगया है। इस बीच, आप पार्षद प्रेमलता ने कहा कि उनकी पार्टी हाईकोर्ट जाएगी। भाजपा ने धोखे से जीत हासिल की है। आठ वोट अवैध कैसे हो सकते हैं।