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चंडीगढ़ के मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से ‘नैतिक आधार’ पर इस्तीफा दे दिया है। ये इस्तीफा उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 19 फरवरी को होने वाली सुनवाई के एक दिन पहले दिया है। चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा ने इसकी पुष्टि की है। मेयर का ये इस्तीफा उसी दिन आया, जिस दिन आप के तीन पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावट और गुरचरण काला भाजपा में शामिल हुए थे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा पर धोखाधड़ी से मेयर बनाने का आरोप लगाया है।
आप पार्षद नेहा मुसावत, पूनम देवी और गुरुचरण काला दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए।मीडिया से बात करते हुए नेहा मुसावत ने कहा,मैं सबसे ज़्यादा पढ़ी-लिखी हूं। आप ने मुझे मेयर पद का कैंडिडेट बनाने का वादा किया था। जब कुलदीप कुमार को आप-कांग्रेस का मेयर कैंडिडेट घोषित किया गया, तो मुझे हैरानी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों और दलितों के लिए जो किया है, मैं उससे प्रभावित हूं।
तीन पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब आप-कांग्रेस पार्षदों की संख्या 20 से घटकर 17 हो गई है। इसमें आप के 10 और कांग्रेस के 7 पार्षद शामिल हैं। दूसरी तरफ़, भाजपा ने चुनाव में 14 वोट हासिल किए थे। आप के तीन पार्षदों के आने के बाद अब ये संख्या 17 हो गई है। वहीं, उनके पास चंड़ीगढ़ सांसद किरण खेर और शिरोमणी अकाली दल के एकमात्र पार्षद का समर्थन है। इस तरह बीजेपी के खाते में अब 19 वोट हो गए हैं। बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं, जबकि एक सांसद के वोट के बाद 36 वोट होते हैं। इस तरह बहुमत का आंकड़ा 19 है।