RASHTRADEEP NEWS
राजस्थान के नीमकाथाना के चीपलटा गांव का ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) ललित कुमार ने रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। चचेरे भाई मनोज ने बताया कि ललित ने आईआईटी, कानपुर से ग्रेजुएट किया था। एक साल पहले ही ललित की चीपलटा में बतौर वीडीओ पहली जॉइनिंग हुई थी। उसकी अभी शादी भी नहीं हुई थी। वो तीन बहनों में अकेला भाई था। ललित नीमकाथाना के झाड़ली गांव का रहने वाला था।
देश के सर्वोच्च इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएट होकर ग्राम विकास अधिकारी बने ललित कुमार (25) ने सुसाइड कर लिया। उसका कसूर इतना था कि जिस सरपंच-पूर्व ग्रामीण विकास अधिकारी के खिलाफ उसने गबन का मामला दर्ज कराया था, वे उसे प्रताड़ित कर रहे थे।
रविवार, 18 फरवरी को सुबह 9 बजे बहन ललित को चाय देने कमरे में गई। बाहर से आवाज दी तो ललित ने जवाब नहीं दिया। उसने खिड़की से देखा तो ललित पंखे से लटका हुआ था। चीखती पुकारती बहन परिजनों के पास पहुंची और घटना के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।पुलिस ने फंदे से उतारकर ललित को थोई अस्पताल (नीमकाथाना) भिजवाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
15 फरवरी को ऑडिट टीम ने साल 2021-23 के विकास कामों के आए 5 लाख 20 हजार रुपए की गड़बड़ी पकड़ी।पता चला कि सरपंच मनोज गुर्जर और तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी नरेंद्र प्रताप सिंह ने 24 जनवरी 2022 को चार लाख 99 हजार 204, 16 अगस्त 2022 को पांच हजार 807 और 5 सितंबर 2022 को 15 हजार रुपए का गबन किया।इस तरह कुल 5 लाख 20 हजार रुपए का तीन किस्तों में गबन किया गया। इस पर अजीतगढ़ पंचायत समिति विकास अधिकारी अजयसिंह नाथावत के निर्देश पर ललित कुमार ने 15 फरवरी को थोई पुलिस थाने में सरपंच मनोज गुर्जर और तत्कालीन विकास अधिकारी नरेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी।
ललित ने मरने से पहले लिखे अपने सुसाइड नोट में लिखा- मेरे एफआईआर करवाने के बाद अब आरोपी मुझे परेशान कर रहे हैं। वो फोन कर एफआईआर वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। वो बार-बार फोन कर मुझ पर मानहानि का केस करने की बात कह रहे हैं। उनके प्रेशर से मैं काफी डिप्रेस हो गया हूं। मुझे कोर्ट और पुलिस के चक्कर में नहीं पड़ना है। मैं इस सब में फंसा हुआ महसूस करने लगा हूं।