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लोकसभा चुनाव से पहले अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पैसा बचाने के लिए भर्ती प्रक्रिया से खिलवाड़ किया है। साथ ही परीक्षा पास करने वाले पौने दो लाख युवाओं को नौकरी देने की मांग की। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को सेना की अग्निवीर योजना को लेकर दिल्ली में AICC मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
AICC मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिन पायलट ने कहा कि मोदी सरकार ने 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी। लेकिन, इससे पहले कोई चर्चा नहीं की गई और सरकार ने एकतरफा निर्णय लिया था। मोदी सरकार पैसा बचाने के लिए अग्निपथ योजना लाई गई। इस योजना का कांग्रेस शुरूआत से ही विरोध कर रही है। क्योंकि चार साल की नौकरी के बाद जो लोग कम उम्र में रिटायर्ड हो जाएंगे, उनके भविष्य को कोई पता नहीं है। उनको पेंशन भी नहीं मिलेगी। जो 11 लाख रुपए की ग्रेच्युटी मिलेगी, वो भी अग्निवीरों के वेतन से काटी जा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार कहीं ना कहीं सेना की भर्ती प्रक्रिया से खिलवाड़ कर रही है। एक्स सर्विसमैन के लिए जो पूर्व आरक्षित पद हैं उसमें सिर्फ 2.49 प्रतिशत लोगों की भर्ती की गई है।
उन्होंने कहा कि गांव देहात के लड़के जो सेना में जाने का सपना देखते थे, उनके साथ बीजेपी ने छल किया है। ऐसे करीब पौने दो लाख युवा है, जिन्हें भर्ती दी और ज्वॉइन नहीं कराया गया है। वो लंबे समय से धरना दे रहे है और अपनी मांग रख रहे है। मोदी सरकार जी-20 सम्मेलन की मेजबानी पर 4100 करोड़,प्रधानमंत्री के हवाई जहाज के लिए 4800 करोड़ और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च कर सकती है। ऐसे में पैसा बचाने के लिए सेना की भर्ती प्रक्रिया से खिलवाड़ ठीक नहीं है। केंद्र का ऐसा निर्णय देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।