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इस लोकसभा चुनाव में वागड़ की राजनीति नए मोड़ पर है। प्रदेश की सबसे हॉट लोकसभा सीट बांसवाड़ा में 5 दिन से चल रहे राजनीतिक ड्रामे के बाद रविवार रात को चुनावी तस्वीर साफ हो गई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कांग्रेस और बीएपी के गठबंधन की घोषणा कर दी। उन्होंने लिखा-कांग्रेस बांसवाड़ा लोकसभा और बागीदौरा विधानसभा सीट पर उप चुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन करेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस और बीएपी के साथ आने से भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीया की मुश्किलें बढ़ जाएगी। कांग्रेस ने प्रदेश में बांसवाड़ा लोकसभा सीट को छोड़कर सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। बांसवाड़ा में नामांकन के अंतिम दिन 4 अप्रैल को पहले दोपहर 12.30 बजे पूर्व मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया का नाम तय किया था। इसके बाद बीएपी प्रत्याशी राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर साथ कांग्रेस से लोकसभा चुनाव में आने की अपील की।इसके दो घंटे बाद एनवक्त पर बामनिया की जगह यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष अरविंद डामोर ने नामांकन भरा। कांग्रेस ने बागीदौरा विधानसभा सीट पर उप चुनाव के लिए भी कपूरसिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया था। पटेल ने भी अंतिम दिन ही नामांकन भरा था। लोकसभा और बागीदौरा उप चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की ओर से नामांकन करने के कारण कांग्रेस और बीएपी में एक बार फिर विवाद की स्थिति बन गई थी, लेकिन रविवार को रंधावा की पोस्ट ने विवाद पर विराम लगा दिया।
अब संभावना है कि दोनों जगह कांग्रेस के प्रत्याशी सोमवार को नामांकन वापस ले लेंगे। इससे दोनों सीटों पर अब भाजपा और बीएपी में सीधा मुकाबला होगा। 72 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि कांग्रेस कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारकर गठबंधन कर रही है।