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राजस्थान में पहले चरण का चुनावी प्रचार आज थम जाएगा। पहले चरण में बीजेपी का और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है।पहले चरण में गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर लोकसभा क्षेत्रों में 19 अप्रैल को मतदान होगा।
राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ जातीय समीकरण हार-जीत तय करेंगे। पिछले दो चुनावों में बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। लेकिन इस बार बीजेपी की 6-7 सीटें फंस गई है। कांग्रेस ने सीकर और नागौर सीट गठबंधन के सहयोदी दलों के लिए छोड़ दी है।
सियासी जानकारों का कहना है कि सीकर में अमराराम की जीत तय मानी जा रही है। जबकि नागौर में ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल के बीच कांटे के टक्कर है। दौसा सीट पर कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा भारी पड़ते हुए दिखाई दे रहे है। झुंझुनूं और जयपुर ग्रामीण में कांग्रेस-बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला है।
सियासी जानकारों का कहना है कि प्रथम चरण की 12 सीटों में बीजेपी आधा दर्जन सीटों पर ही कांग्रेस के आगे दिखाई दे रहे है। जबकि पिछली बार प्रथम चरण की इन सभी 12 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था। नागौर सीट पर बीजेपी के समर्थन से हनुमान बेनीवाल ने जीत हासिल की थी। जयपुर में बीजेपी मजबूत मानी जा रही है। जबकि अलवर में दिलचस्प मुकाबला होगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले और लोकसभा क्षेत्र भरतपुर में पिछले दो बार से बीजेपी कब्जा जमा रही है। इस बार क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से 5 भाजपा के खाते में हैं। बयाना की निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत ने भाजपा को समर्थन दे रखा है।भरतपुर शहर की सीट आरएलडी के पास है, जो इस बार बीजेपी के साथ गठबंधन में है। भरतपुर सीट पर जाट आरक्षण आंदोलन की हवा बह रही है। क्षेत्र में करीब 5 लाख जाट वोटर्स हैं। ओबीसी में शामिल करने को लेकर जाटों में बीजेपी के प्रति नाराजगी है। इसका असर वोट बैंक पर भी पड़ सकता है।