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श्रीडूंगरगढ़ के पास गुजर रहे नेशनल हाईवे पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में क्षेत्रवासियों को जान-माल का खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। गुरूवार सुबह श्रीडूंगरगढ़- रतनगढ़ कि सीमा पर गांव परसनेऊ के पास हाईवे पर तेज स्पीड में एक कार अनियंत्रित होकर पलट गई और पांच पलटे खाए।
राजलदेसर थाने के एएसआई भगवानसिंह ने बताया कि कार सवार सुजानगढ़ से बीकानेर के लिए जा रहे थे। रास्ते में राजलदेसर से पर सनेऊ के बीच में स्थित महावीर होटल के पास अचानक हाईवे पर आई गाय को बचाने के लिए कार चालक ने एक साथ ब्रेक लगा दिए। तेज गति में चल रही कार के ब्रेक लगने से कार पलट गई एवं देखते ही देखते पांच पलटे खाए।
कार में पांच जने सवार थे। सभी को इसमें चोटें आई व एक जने की मौके पर ही मौत हो गई। इस दौरान वहां से गुजर रही सीकर-बीकानेर हाईवे की पेट्रोलिंग टीम ने घायलों को संभाला एवं टोल एम्बुलैंस व 108 के द्वारा शव व घायलों को राजलदेसर चिकित्सालय पहुंचाया। दुर्घटना में मौके पर ही राजलदेसर निवासी 50 वर्षीय मोतीराम की मौत हो गई एवं घायलावस्था में चिकित्सालय पहुंचते पहुंचते सुजानगढ़ निवासी 46 वर्षीय गिरधारीलाल की भी मौत हो गई। वहीं दो घायलों को गंभीर अवस्था में बीकानेर रैफर किया गया। एक अन्य घायल को रतनगढ़ चिकित्सालय में भेजा गया।
श्रीडूंगरगढ़ में ट्रोमा सेंटर घोषित होने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि हाईवे पर होने वाले हादसों में घायलों को त्वरित ईलाज मिल सकेगी। लेकिन भवन निर्माण के लिए एमओयू करने वाले दानदाता एवं स्थानीय प्रशासन, सरकार के बीच मिट्टी भराई पर सहमति नहीं बनने के कारण ट्रोमा का निर्माण लटका पड़ा है।हाईवे पर होने वाले इन मौतों की जिम्मेदारी कहीं ना कहीं देखें तो ट्रोमा सेंटर बनने में होने वाली देरी भी है।