RASHTRADEEP NEWS
राजस्थान में ग्राउंड वाटर की स्थिति दिनों के दिन भयावह होती जा रही है, यदि आज इसे नहीं रोका तो आने वाला भविष्य और ज्यादा खतरनाक हो सकता है। जल संकट की स्थिति से निपटने के लिए राजस्थान सरकार ग्राउंड वाटर रेगुलेशन एक्ट लाने की तैयारी कर रही है। इस एक्ट में कठोर निर्णय लिए जाएंगे। एक्ट के तहत राजस्थान में निजी इंडस्ट्रीज और घरेलू ट्यूबवेल्स खुदाई पर बैन लगाए जाएंगे।
राज्य में जो इंडस्ट्रीज चल रही हैं, उनमें टेलीमेट्रिक डिजिटल वाटर मीटर लगाए जाएंगे यानि इंडस्ट्री को उनकी क्षमता के मुताबिक ही पानी मिल पाएगा। वहीं नई इंडस्ट्रीज को पानी के लिए वाटर रिचार्ज की शर्त पर एनओसी देनी होगी। भूजल और जलदाय सचिव डॉ. समित शर्मा का कहना है कि इस दिशा में विभाग द्वारा कदम उठाए जाएंगे।
भूजल एक्ट को लागू करने के बाद भूजल बोर्ड बनाया जाएगा। जिसमें भूजल विभाग के साथ जलदाय विभाग, पंचायतीराज, यूडीएच को शामिल किया जाएगा। राजस्थान के हर जिले की भौगोलिक परिस्थिति अलग-अलग है, इसलिए जिला स्तर पर भी कमेटियां बनाई जाएंगी, वो कमेटियां जिलों के मुताबिक ही नियम बनाएंगी। हालांकि निजी इंडस्ट्रीज ट्यूबवेल के साथ-साथ सरकारी ट्यूबवेल खुदाई पर लगाम लगने की जरूरत है।