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यह घटना बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ के बिग्गा गांव की है। जहां डिग्गी में डूबने से दो भाई-बहन की मौत हो गई। दोनों बच्चे डिग्गी के पास खेल रहे थे और बाद में दोनों की लाश ही तैरती मिली। दोनों के शव फिलहाल श्रीडूंगरगढ़ मोर्चरी पहुंचाए गए हैं। अब मौके पर लोग पहुंच रहे हैं।
डिग्गी बालाराम तावणियां के खेत में है। इस खेत में काश्तकार मोटाराम नैण काश्त कर रहा है। इंदपालसर गुसाईंसर निवासी मोटाराम का एक बेटा 13 वर्षीय गोपीराम व एक बेटी 11 वर्षीय सुमन यहां खेल रहे थे। डिग्गी बनाते समय उसमें पानी रोकने के लिए तिरपाल लगाया जाता हे। इसी तिरपाल का कुछ हिस्सा डिग्गी से बाहर रहता है। आमतौर पर लोग इसी तिरपाल से फिसलकर डिग्गी के अंदर जा गिरते हैं। बाहर निकलने की कोशिश भी तिरपाल के कारण ही विफल होती है।माना जा रहा है कि एक पहले गिर गया, बचाने के लिए दूसरा गया तो वो भी डूब गया।
गांव के सरपंच जसवीर सारण सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए है। ग्रामीणों के सहयोग से दोनों बच्चों का शव बाहर निकाला गया। बच्चों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बेनीसर से तैराक नंदू सिद्ध और राघव पारीक ने बिग्गा पहुंच कर आपणो गांव सेवा समिति के सेवादारों के साथ मिलकर शव को बाहर निकाला जा रहा है।