Connect with us

HTML tutorial

Rajasthan

अवाप्तशुदा जमीन के बदले जमीन देने के मामले में भजनलाल सरकार का नया फैसला, जानें…

Published

on

RASHTRADEEP NEWS

प्रदेश में जमीन अवाप्ति के नाम पर चहेते डवलपर-कॉलोनाइजर्स और अपनों को उपकृत करने से जुड़े मामले में नया मोड़ आया है। जनहित मामलों में प्रभावित की जहां से जमीन ली जाएगी, उसे मुआवजे के रूप में उसी जगह भूमि मिलेगी। किसी भी सूरत में दूसरी जगह-इलाके में जमीन नहीं दी जा सकेगी। सरकार ने मुआवजा नीति के तहत इस संबंध में जयपुर विकास प्राधिकरण सहित अन्य निकायों को स्पष्ट कर दिया है कि इसी आधार पर काम होगा।

गौरतलब है कि पिछली कांग्रेस सरकार में जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर सहित अन्य शहरों में सेक्टर रोड के बड़े मामले हैं, जहां भूमि मालिक और कॉलोनाइजर्स को ‘उपकृत’ किया गया। उनसे जो जमीन ली गई, उसके बदले मुआवजे के तौर पर अच्छी जगह ज्यादा मूल्य की भूमि दे दी गई। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में केवल इन शहरों में ही ऐसे 27 बड़े मामले बताए जा रहे हैं।

Advertisement

सवाल- वे मामले सामने कब आएंगे, जिसमें गड़बड़ी हुई?

नगरीय विकास मंत्री ने ऐसे मामलों पर 9 जनवरी को रोक लगाई थी। उस समय उन्हाेंने पुरजोर आशंका जताई थी कि जयपुर में ही ऐसे बड़े मामले हैं, जहां घोटाला किया गया। आगामी आदेश तक इन मामलों में काम रोकने के निर्देश दिए थे। इसकी रिपोर्ट जेडीए ने मंत्री को (बतौर जेडीए अध्यक्ष) सौंप भी दी, लेकिन 127 दिन बाद भी अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया कि आखिर किन मामलों में गड़बड़ी हुई और कौन-कौन जिम्मेदार हैं। जयपुर में ही दो बड़े कॉलोनाइजर निशाने पर हैं।

इस तरह चला खेल

जमीन अवाप्ति के बदले मुआवजे के रूप में दो से तीन गुना ज्यादा वैल्यू की जमीन दे दी गई। कुछ कॉलोनाइजर्स ने पहले प्रभावित किसानों से कम दाम में जमीन खरीद का एग्रीमेंट किया और फिर अफसरों से सांठगांठ कर मुआवजे के रूप में 25 प्रतिशत विकसित जमीन अच्छी जगह आवंटित करा ली। अकेले जयपुर में जोन 8, 11, 12, 14 के इलाकों में बड़े स्तर पर ‘घोटाला’ हुआ।

Advertisement

केस 1 मुआवजा देने में वैल्यूएशन की गड़बड़

फागी रोड पर लाखना से वाटिका की दिशा में 6.8 किमी लम्बी, 160 फीट चौड़ी सेक्टर रोड प्रस्तावित है। यहां से 12 खातेदारों को 25 फीसदी जमीन जगतपुरा महल रोड पर दे दी गई। सेक्टर रोड रूट पर जमीन की बाजार दर 6-7 हजार रुपए वर्गगज है, जबकि मुआवजे वाली जमीन की दर 30 से 32 रुपए प्रति वर्गगज है। मुआवजा देने के लिए वेल्यूएशन में गड़बडी हुई।

केस 02 विकसित कॉरिडोर में दी जमीन

शिवदासपुरा फाटक से पहले रेलवे सेक्टर रोड प्रस्तावित है। अवाप्ति के लिए अवार्ड 2013 में जारी किया गया, लेकिन मामला अटक गया। कुछ कॉलोनाइजर्स ने यहां किसानों से एग्रीमेंट कर लिया। मुआवजे के रूप में जमीन रिंग रोड के आउटर एरिया में विकसित कॉरिडोर और जयचंदपुरा में दी गई।

Advertisement
केस -3 अवाप्तशुदा जमीन से ज्यादा कीमत

बंदेमातरम रोड से रिंग रोड व वेस्ट-वे हाइट योजना से रिंग रोड तक दो 200 फीट चौड़ी सेक्टर रोड बननी है। वंदेमातरम रोड वाली सेक्टर रोड से प्रभावित कुछ चुनिंदा खातेदारों किसानों को जेडीए की शिव एनक्लेव योजना में जमीन दे दी गई। वेस्टवे हाइट योजना से रिंग रोड के बीच 5 खातेदार ऐसे हैं, जिन्हें रिंग रोड के विकसित कॉरिडोर में मिश्रित भूउपयोग की 25 प्रतिशत जमीन दी गई। जमीन की कीमत अवाप्तशुदा जगीन से डेढ़ से दोगुना ज्यादा है।

Advertisement
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

Trending

Join Facebook Page Join Now

Join Whatsapp Group Join Now

Subscriber Youtube Join Now