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पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के हर जिले में महात्मा गांधी के नाम पर अंग्रेजी माध्यम विद्यालय तो खोल दिए, लेकिन इनमें पढ़ाने वाले शिक्षक हिंदी माध्यम स्कूलों से ही लगा दिए। इसके बाद व्यवस्था सुधारने के नाम पर एक साल के लिए तकरीबन साढ़े चार हजार सहायक अध्यापकों की संविदा पर भर्ती की। अब इन शिक्षकों का एक साल का कार्यकाल दो दिन बाद समाप्त होने वाला है। इन अध्यापकों पर एक साथ बेरोजगार होने की तलवार लटकने लगी है।
संविदा पर लगे इन शिक्षकों को उम्मीद थी कि सरकार उन्हें संविदा से हटाकर स्थाई कर सकती है। सरकार ने उनका कार्यकाल बढ़ाने का कोई संकेत नहीं दिया है। इससे इनमें मायूसी है। अगले दो दिन इन पर बेहद भारी पड़ने वाले हैं, क्योंकि 28 जुलाई से यह लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
प्रदेश में एक साल पहले अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में सहायक अध्यापक लेवल प्रथम व लेवल द्वितीय संविदा भर्ती 2023 के अन्तर्गत 4500 शिक्षकों को नियुक्ति दी गई थी। इन शिक्षकों को प्रति माह 16 हजार 900 रुपए पारिश्रमिक मिलता था। इसके अलावा मेडिक्लेम पॉलिसी प्रीमियम का पुनर्भरण 1500 रुपए प्रति वर्ष, नई पेंशन स्कीम स्वयं की निक्षेपित 50 प्रतिशत के अभिदान का पुनर्भरण तथा दुर्घटना बीमा जैसी शर्तें भी शामिल थीं।