
RASHTRA DEEP NEWS BIKANER। राजस्थान में इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भी एंट्री मारने जा रही है। इसके लिए पार्टी ने तैयारी तेज कर दी है और इसके प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अभियान का आगाज करने जा रहे हैं। भरतपुर और टोंक में ओवैसी 18-19 फरवरी को रैली करेंगे और जनता के सामने अपना अजेंडा रखेंगे। इससे पहले पिछले साल सितंबर में भी ओवैसी राजस्थान आए थे।
पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक ओवैसी शनिवार को भरतपुर के कामां में रैली को संबोधित करेंगे। अपने दौरे की शुरुआत वह अलवर के तापुकडा से करेंगे जहां वह पार्टी दफ्तर का उद्घाटन करेंगे और रामगढ़ में जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। एआईएमआईएम के प्रदेश संयोजक जमील खान ने बताया कि रविवार को ओवैसी टोंक के गांधी मैदान में जनसभा करंगे।

जमील खान ने बताया कि ओवैसी के अलवर-भरतपुर दौरे पर पार्टी ने मेवात क्षेत्र की छह सीटों को कवर करने का लक्ष्य रखा है, जिनमें कमां, रामगढ़, नगर और तिजारा शामिल है। पार्टी इन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। खान ने कहा, ‘हमने 30 सीटों की पहचान की है, जहां से पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। हम जयपुर में आदर्श नगर किशनपोल और हवामहल, जोधपुर में सूरसागर और बाड़मेर, जैसलमेर, सीकर, झुंझनू, नागौर, टोंक, सवाईमाधोपुर, अलवर, और भरतपुर पर फोकस कर रहे हैं।’
खान ने कहा कि उनकी पार्टी अल्पसंख्यक मुद्दों, विकास और शिक्षा आदि पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा, ‘2018 में कांग्रेस पार्टी ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन टोंक में विकास का अभाव है। टोंक को विधायक सचिन पायलट से कोई लाभ नहीं मिला। मेवात क्षेत्र की स्थिति भी वही है, जहां विकास नहीं हुआ है। पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट टोंक से विधायक हैं और राज्य की शिक्षा मंत्री जाहिदा खान कामां से विधायक हैं।
मुस्लिम वोट में बंटवारे से बढ़ सकती हैं कांग्रेस की मुश्किलें राजस्थान में हर पांच साल में सत्ता बदल जाने की प्रथा को खत्म करते हुए लगातार दूसरी बार सरकार बनाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस के लिए ओवैसी चिंता बढ़ा सकते हैं। ओवैसी यदि तीन दर्जन सीटों पर मुस्लिम वोटर्स के बीच सेंध लगाने में कामयाब होते हैं तो कांग्रेस का समीकरण बिगड़ सकता है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 15 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से 7 जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे।