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राजस्थान के अजमेर शहर में 32 साल पहले रील वाले कैमरे से खींची गई तस्वीरें एक कलर लैब में प्रिंट होने आईं और ऐसे बंटी कि कई रईस परिवार मिनटों में बर्बाद हो गए। कई बेटियां की इज्जत तस्वीरों के जरिए शहर के गली-गली में नीलाम होने लगीं। ब्लैकमेलिंग और दुष्कर्म का दर्द अजमेर क्या पूरा देश आज भी नहीं भूल पाया है। इसकी याद वर्ष 1992 की उन स्याह दिनों की याद दिलाती है जो गरीब नवाज के इस शहर में काले धब्बे की तरह दर्ज हो गई है।
मामले में 31 साल बाद अजमेर की विशेष अदालत पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 ने अजमेर सेक्स स्कैंडल केस में बाकी बचे 7 आरोपियों में से 6 को दोषी करार दिया है। इनमें नफीस चिश्ती, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, नसीम उर्फ टार्जन, सोहेल गनी, सैयद जमीर हुसैन को अदालत ने दोषी माना है। ध्यान देने वाली बात है कि ये फैसला 8 अगस्त को आना था, लेकिन एक आरोपी इकबाल भाटी की तबीयत खराब होने के कारण वो कोर्ट में पेश नहीं हो पाया। फिर अदालत ने 20 अगस्त की तरीख मुकरर्र की थी। 20 अगस्त दिन मंगलवार को सभी आरोपी पुलिस की कस्टडी में कोर्ट में पहुंचे थे जबकि इकबाल भाटी एंबुलेंस में कोर्ट पहुंचा था। मामले में कुल 18 आरोपी थे। इनमें से 9 को पहले ही सजा हो चुकी है. एक आरोपी ने सुसाइड कर लिया. एक आरोपी पर लड़के का कुकर्म करने के आरोप में अलग से ट्रायल चला. वहीं एक आरोपी अभी भी फरार है। अदालत इसे भगौड़ा घोषित कर चुकी है।
जानिए वो मामला जिसे जान पूरा देश हिल गया
ये घटना अजमेर में वर्ष 1992 की है. यूथ कांग्रेस के कुछ युवा नेताओं ने शहर के एक बिजनेसमैन के बेटे से दोस्ती की। एक दिन ये सभी उस दोस्त को एक एक पोल्ट्री फॉर्म पर लेकर गए और वहां जबरन उसके साथ कुकर्म किया। कुकर्म की तस्वीरें रील वाले कैमरे में खींची और उसे ब्लैकमेल किया। आरोपियों ने उस युवक से उसकी गर्लफ्रेंड को लेकर आने को कहा। वो शहर के एक नामी स्कूल में पढ़ती थी जहां रईसों की लड़कियां पढ़ती थीं। पीड़ित युवक अपनी गर्लफ्रेंड को बहलाकर वहां ले आया। आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और न्यूड तस्वीरें निकालीं। फिर उसे अपनी दूसरी फ्रेंड्स को ले आने को कहा।ये सिलसिला चलता रहा। माना जा रहा है कि आरोपियों ने उस पॉल्ट्री फॉर्म पर करीब 100 से ज्यादा लड़कियों से दुष्कर्म किया।आरोपियों ने जिनके साथ दुष्कर्म किया उन सभी की उम्र 17 से 20 के बीच में थी।
इधर आरोपियों ने इन तस्वीरों की जिन कलर लैब में प्रिंट कराने के लिए दिया वहां से कॉपियां लीक हो गई। लड़कियों को गली-गली में बुलाकर तस्वीरें दिखाकर रेप किया जाने लगा। शहर में ये फोटोज तेजी से सर्कुलेट होने लगीं। ये होता देख 6 लड़कियों ने तो सुसाइड कर लिया। इन सबके बारे में जब लड़कियों के परिवारों को पता चला तो वे भी मुंह मोड़ने लगे. रातों-रात कई परिवार शहर छोड़कर चले गए. फिर भी कुछ लड़कियों ने हिम्मत दिखाईं। बाद में इतना दबाव बढ़ा कि कुछ पीछे हट गईं तो कुछ ने बयान बदल दिए। हालांकि बावजूद इसके 16 पीड़िताएं कोर्ट में डटी रहीं और समय बढ़ता रहा. तारीख पर तारीख आती रही और ये लड़कियां दादी-नानी तक बन गईं। कोर्ट में ये पीड़िताएं घरों से छिपते-छिपाते आती रहीं और अपनी लड़ाई लड़ती रहीं।
मामले में कुल थे 18 आरोपी
मामले में फारुख चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस प्रेसिडेंट), नफीस चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष), अनवर चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस संयुक्त सचिव), सोहेल गनी, इकबाल भाटी, कैलाश सोनी, जमीर हुसैन, सलीम चिश्ती, अल्मास महाराज, इशरत अली, मोइजुल्लाह उर्फ पूत्तन इलाहाबादी, परवेज अंसारी, नसीम उर्फ टारजन, शम्सू उर्फ माराडोना (ड्राइवर), जऊर चिश्ती (स्थानीय नेता), महेश तोलानी (कलर फोटो लैब का मालिक), हरीश दोलानी (कलर फोटो लैब का मैनेजर) और पुरुषोत्तम उर्फ बबना (लैब डेवलपर) के खिलाफ जांच बैठी। जहूर चिश्ती पर बिजनेसमैन के बेटे से कुकर्म का आरोप था, इसलिए इसके खिलाफ अलग से ट्रायल चला।