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प्रदेशभर के आज प्राइवेट बस ऑपरेटरों की ओर से हड़ताल की जा रही है। प्रदेश में तीस हजार से ज्यादा प्राइवेट बसों का आज चक्काजाम है। बस ऑपरेटरों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। सभी ने मिलकर आज एक भी प्राइवेट बस को सड़क पर नहीं उतारने का फैसला किया है।
इस हड़ताल के कारण आंचलिक और ग्रामीण क्षेत्र की परिवहन सेवा खासी प्रभावित हो रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत डेली अप-डाउन करने वाले नौकरी पेशा लोगों को हो रही है। वहीं कम दूरी की परिवहन सेवा पर भी इसका असर देखा जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने बताया कि परिवहन विभाग को कई बार समस्या समाधान के लिए ज्ञापन दिए गए। लेकिन विभाग की ओर से निजी बस ऑपरेटर्स की समस्या का समाधान आज तक नहीं किया गया। पहले 23 सूत्रीय मांग पत्र विभाग को दिया गया। करीब 13 मांगें स्वीकार की गई थी, लेकिन आदेश जारी नहीं किए गए। इससे बस ऑपरेटर में भारी रोष व्याप्त है।
महासचिव रवि प्रकाश सैनी ने बताया कि, लोक परिवहन सेवा के परमिट जारी करने, ऑनलाइन टीपी के साथ साथ ऑफलाइन टीपी भी जारी करने, अस्थाई परमिट की अवधि 24 घंटे रखी जाने, परिवहन व्यवसाय को उद्योग का दर्जा देने सहित कई मांगों को लेकर एक दिवसीय चक्का जाम किया जा रहा है। संरक्षक अनिल जैन ने बताया कि करीब तीस हजार बस ऑपरेटर पूरे दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। हड़ताल का ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्र की परिवहन सेवा पर दिख रहा है। चाहे लोक परिवहन सेवा हो, या स्लीपर कोच हों या स्टेज केरीज हो। उप नगरीय सहित समस्त बसे बंद हैं। जिसके कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।