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राजस्थान में उपचुनाव की घोषणा होते ही बीजेपी और कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। दोनों दलों में उपचुनावों के लिए तैयारी अंतिम चरण में है। वहीं, दिल्ली में पार्टी स्तर पर प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने पर मंथन चल रहा है। वहीं, सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस में चार सीटों पर तो नेताओं के परिवार से ही किसी को टिकट दिया जा सकता है। बाकी तीन सीटों पर पार्टी किसी नए उम्मीदवार की तलाश में है। भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी।
ये हैं परिवारवाद वाली 4 सीट
सूत्रों के मुताबिक 7 में से दो सीटों पर टिकट परिवार के पास जाना लगभग फाइनल है। झुंझुनूं में बृजेंद्र ओला के परिवार को टिकट और रामगढ़ (अलवर) में जुबेर खान के बेटे को मैदान में उतारने की पूरी तैयारी है। वहीं, परिवारवाद वाली दौसा सीट पर मुरारी लाल मीणा ने अपने परिजनों को चुनाव लड़ाने से मना कर दिया है। इसलिए पार्टी यहां से किसी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है। इसके अलावा देवली-उनियारा में हरीश मीणा के परिवार में से ही किसी पर दांव खेला जा सकता है। चर्चा ये भी है कि पार्टी यहां किसी बड़े गुर्जर नेता को भी मैदान में उतार सकती है।
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या उपचुनाव वाली इन 7 सीटों में से 4 पर कांग्रेस में परिवारवाद हावी रहेगा? इसका जवाब तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा, लेकिन हम ये जानेंगे कि बाकी की तीन सीटों पर क्या समीकरण हैं।