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चुनाव के वक्त कड़ी आव्रजन नीतियों का एलान कर चुके डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ के बाद सबसे पहले अवैध प्रवासन पर काम करेंगे। इसकी तैयारी में अमेरिकी आव्रजन-सीमा शुल्क प्रवर्तन आईसीई ने निर्वासन के लिए लगभग 15 लाख लोगों की सूची तैयार की है। इनमें से करीब 18 हजार भारतीयों को भारत निकालने का खतरा है।
अमेरिकी सरकार ने भारत पर गैर-मददगार होने का आरोप लगाया है। आईसीई ने निर्वासन प्रक्रिया में मदद नहीं करने वाले 15 देशों की सूची बनाई है, जिन्हें ‘गैर मददगार’ कहा जाता है। इनमें भारत का नाम भी है। आसीई के डाटा के मुताबिक, अमेरिका में रह रहे करीब 18 हजार भारतीय अवैध कागजी कार्रवाई की लंबी प्रक्रिया में फंस गए हैं। इसमें 3 वर्ष का वक्त लग सकता है। आईसीई के मुताबिक, पिछले 3 सालों में अमेरिकी सीमा में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में 90 हजार भारतीयों को पकड़ा गया है। इन प्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से रहा है। एशियाई देशों में अवैध घुसपैठ को लेकर चीन शीर्ष पर है। भारत इस मामले में 13वें नंबर पर है।