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राजस्थान के कोटपुतली में तीन साल की चेतना 10वें दिन भी 700 फीट गहरे बोरवेल से बाहर नहीं निकाल पाए। चेतना को बचाने के लिए NDRF के जवान 170 फीट गहरे गड्ढे में उतरकर सुरंग खोद रहे थे, लेकिन बड़ी चूक के चलते 10 फीट लंबी सुरंग की खुदाई बेकार रही। सुरंग की दिशा गलत निकली। इन चुनौतियों के चलते चेतना के सुरक्षित बाहर आने की उम्मीद अब धुंधली होती जा रही हैं।
अधिकारियों ने बताया कि, प्रयास जारी हैं और बचाव दल हार नहीं मान रहा है। पिछले चार दिनों से छह जवानों की टीम 10 फीट गहरी सुरंग खोदने के काम कर रहे थे। शुरुआत में अधिकारियों ने कम ऑक्सीजन स्तर और सुरंग के अंदर चट्टानों जैसी चुनौतियां बताई थी। 30 दिसंबर को कलेक्टर और एनडीआरएफ दोनों को उम्मीद थी कि चेतना को बचा लिया जाएगा। लेकिन अब इसी उम्मीद पर पानी फिरता दिख रहा है। चेतना के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन शायद राजस्थान में अब तक के सबसे लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन होने वाला है। आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। चेतना की मां ने कलेक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या आपकी बच्ची होती तो इतना ही समय लगता…ऐसे ही लापरवाही बरती जाती।