Bikaner/बीकानेर
Hindu Navvarsh के प्रति जनजागृति फैलाने के लिए बीकानेर से शक्ति दर्शन यात्रा शुरू होगी। यह यात्रा Rajasthan के 7 जिलों और 21 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगी। जिसने फलौदी, जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, बालोतरा आदि जिलों में घूमेगी। यह यात्रा 1350 से 1400 किलोमीटर तक घूमेगी।
यात्रा के आयोजक वेद व्यास ने बताया की, शुरुआत बीकानेर शहर के दम्माणी चौक के छोटा गोपालजी मंदिर से होगी। इस यात्रा का समापन बीकानेर के नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर के आगे होगा। कर्मवान फाउंडेशन के तत्त्वावधान से निकलने वाली इस यात्रा में 10 चौपहिया वाहनों से 40 युवा प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से जाकर हिन्दू नववर्ष को धूमधाम से मनाने के लिए लोगों को जागृत करेंगे।
यह यात्रा जिस क्षेत्र से गुजरेगी वहां रात को नुक्कड़ सभाएं भी होंगी। इन नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से लोगों में यह हिन्दू नववर्ष में जागृति लाने का प्रयास किया जाएगा कि लोग अपने हिन्दू नववर्ष को न्यू ईयर की तरह सेलिब्रेट करें। इसके अलावा हर दिन रात को भक्ति संगीत का कार्यक्रम होगा। यात्रा में शामिल लोगों को इस बात के लिए भी जागृत करेंगे कि हिन्दू नववर्ष के पहले दिन लोग अपने घरों में दीप प्रज्वलन करें और रंगोली सजाए। इसके लिए यात्रा में शामिल युवा पंपलेट का वितरण भी करेंगे। इसके लिए 10 हजार से ज्यादा पेंपलेट छपवाए गए हैं।
इस यात्रा में लोगों के सहयोग के लिए फाउंडेशन के पदाधिकारी जन संपर्क भी कर रहे है। ओर लोगों को यात्रा से जुड्ने की अपील कर रहे हैं। साथ ही, शहर में यात्रा को लेकर होर्डिंग्स और बैनर लगाने का काम भी शुरू हो गया है। फाउंडेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि हम यह चाहते हैं कि इस साल का नववर्ष लोग पिछले सालों की तुलना में अधिक धूमधाम से मनाए।
इन मंदिरों के दर्शन करके आगे बढ़ेगी यह यात्रा
- बीकानेर से रवाना होने के बाद कोड़मदेसर भैरव, कपिल मुनि, गिरिराजसर-गड़ियाला, बाप के भैरू होते हुए फलौदी के लटियाल माता के यहां रात्रि विश्राम करेगी।
- रामदेवरा, जाजवालामाता, पोकरण के आशापुरा, भादरिया माता मंदिर, काली डूंगर, पनोदराय, नमडूंगर, तनोट, घंटियाली माता होते हुए जैसलमेर पहुंचेगी। यहां पर रात्रि विश्राम होगा।
- तेमड़ाराय, उड़ काश्मीर (लोकदेवता बाबा रामदेव की जन्मस्थली) और आसोतरा जाएगी।
- नाकोड़ा भैरव, जसोल, ओसियां माता, नागणाराय, चामुंडा माता मेहरानगढ़ होते जोधपुर पहुंचेगी।
- खरनाल के तेजाजी मंदिर, नागौर, जांभोजी की तपोस्थली मुकाम होते हुए देशनोक पहुंचेगी। यहां से नागणेचीजी मंदिर होते हुए नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर पहुंचकर इस यात्रा का समापन होगा।