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महिला उत्पीड़न न्यायालय की पीठासीन अधिकारी रैना शर्मा ने रविवार को एक दिल दहला देने वाले मामले में बड़ा फैसला सुनाया। सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोप में दोषी पाए गए दो अभियुक्तों आमीन जोईया और हासिब उर्फ हासिम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही दोनों पर 1.40 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड नहीं चुकाने की स्थिति में 21 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
5 मई 2020 को बीछवाल थाना पुलिस को हुसंगसर के पास नहर में एक महिला की निर्वस्त्र हालत में लाश मिलने की सूचना मिली थी। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने मर्ग दर्ज की थी। लेकिन गहन जांच के बाद सामने आया कि पीड़िता का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई। आरोपियों ने शव को नहर में फेंक दिया था। 7 मई 2020 को बीछवाल पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया।
पुलिस ने जामसर के रीको फार्म हाउस रोड नंबर 3 निवासी आमीन जोईया और रावतसर रोड स्थित कालू चूना फैक्ट्री निवासी हासिब उर्फ हासिम को गिरफ्तार कर चालान पेश किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 12 गवाहों के बयान पेश किए। राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक शिवशंकर स्वामी ने सशक्त पैरवी की। सभी सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और भारी जुर्माने की सजा सुनाई। इस फैसले को महिलाओं की सुरक्षा और न्याय की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।