Deshnok Bridge Accident
बीकानेर जिले के देशनोक पुल हादसे में मृतकों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग को लेकर धरना गुरुवार को 10वें दिन में प्रवेश कर गया। धरने की अगुवाई कर रहे कांग्रेस नेता महेन्द्र गहलोत ने कहा कि यह लड़ाई किसी पार्टी विशेष के लिए नहीं, बल्कि इंसाफ के लिए है।
गहलोत ने स्पष्ट किया कि बीजेपी नेताओं द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस केवल अपने कार्यकर्ताओं के लिए लड़ रही है। जबकि मृतकों में दो भाजपा के स्थायी सदस्य भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग भाजपा का झंडा लेकर चले, जिन्होंने पार्टी को वोट दिया – आज वही लोग न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।”
हादसे को हुए अब एक महीना बीत चुका है, लेकिन मृतकों के परिजनों को न तो मुआवजा मिला और न ही कोई नौकरी। गहलोत ने प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक प्रभावित परिवारों को न्याय नहीं मिल जाता।
सैन जयंती की पूर्व संध्या पर होगा जागरण
गहलोत ने बताया कि शुक्रवार को सैन जयंती के अवसर पर धरना स्थल पर ही कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। गुरुवार शाम को जागरण होगा और अगले दिन सैन जयंती का आयोजन भी यहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के प्रतीक के रूप में होगा।