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बीकानेर शहर में फिर दोहराया गया 2022 जैसा दर्दनाक हादसा, तीन की मौत…


Bikaner septic tank accident

बीकानेर शहर के बीछवाल थाना क्षेत्र स्थित करणी नगर औद्योगिक क्षेत्र में एक वूलन मिल के सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान ज़हरीली गैस ने तीन जिंदगियां निगल लीं। शिवबाड़ी निवासी सागर, अनिल और गणेश टैंक की सफाई के लिए अंदर उतरे थे, लेकिन दम घुटने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई। तीनों को तुरंत पीबीएम अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सबसे पहले एक सफाईकर्मी टैंक में उतरा। अंदर जहरीली गैस—संभावित रूप से कार्बन डाई ऑक्साइड—की अधिकता के कारण वह बेहोश हो गया। काफी देर तक कोई हरकत न देख उसके दो साथी भी उसे बचाने के लिए नीचे उतर गए, लेकिन वे भी जहरीली गैस की चपेट में आकर जान गंवा बैठे। बताया जा रहा है कि वूलन मिल में धागों की सफाई के दौरान केमिकल्स का उपयोग किया जाता है, और इनका गंदा पानी सेप्टिक टैंक में जमा होता है। यही पानी जहरीली गैसों में बदलकर जानलेवा साबित होता है। टैंक की सफाई के लिए बाहर से मजदूर बुलाए गए थे, लेकिन उन्हें न तो गैस मास्क दिए गए और न ही कोई सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।

क्या पहले भी हुआ है ऐसा?

चौंकाने वाली बात यह है कि बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है। 27 मार्च 2022 को भी एक ऊन फैक्ट्री के टैंक में सफाई के दौरान चार मजदूरों की मौत हो गई थी। उन मृतकों में लालचंद, चोरूलाल नायक, कालूराम वाल्मीकी और किशन बिहारी शामिल थे।

लापरवाही और प्रशासनिक चूक पर उठे सवाल

लगातार हो रही इन घटनाओं से फैक्ट्री प्रबंधन की घोर लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बिना किसी गैस जांच, ऑक्सीजन मॉनिटरिंग या सुरक्षा उपकरणों के मजदूरों को खतरनाक टैंकों में उतारना न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह मानवाधिकारों की भी सीधी अवहेलना है।

फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों और मजदूर संगठनों ने इस दर्दनाक हादसे की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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