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राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में पुलिस हिरासत के दौरान रेप के आरोपी की मौत से बवाल मच गया। राजियासर थाने में बंद मोहन सिंह (26), निवासी बिरधवाल गांव, की शनिवार सुबह मौत हो गई। इसके बाद परिजन और ग्रामीण बड़ी संख्या में राजियासर अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जुट गए और जमकर हंगामा किया। हालात को देखते हुए पुलिस बल तैनात करना पड़ा। दो दौर की वार्ता के बाद प्रशासन और परिजनों के बीच सहमति बनी और आज पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
राजियासर थाना पुलिस ने 6 जून को मोहन सिंह को रेप के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के कुछ समय बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। पेट दर्द की शिकायत पर उसे सूरजगढ़ हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। रात में मोहन को राजियासर थाने के हवालात में रखा गया। लेकिन 7 जून की सुबह फिर उसकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
परिजनों का फूटा गुस्सा, मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन
मोहन की मौत की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण बड़ी संख्या में मोर्चरी के बाहर जमा हो गए। प्रदर्शन तेज होता देख सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गेदर भी मौके पर पहुंचे। परिजनों ने प्रशासन के समक्ष पांच प्रमुख मांगें रखीं:
- 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
- गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम पर कार्रवाई हो।
- मेडिकल बोर्ड से निष्पक्ष पोस्टमॉर्टम कराया जाए।
- रेप केस दर्ज कराने वाले परिवार पर धमकी देने का मामला दर्ज हो।
- कस्टडी में मौत की न्यायिक जांच करवाई जाए।
प्रशासन और परिजनों में बनी सहमति
लगातार दो दौर की बातचीत के बाद प्रशासन ने परिजनों को आश्वस्त किया। इसके बाद आज (8 जून) शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। फिलहाल पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, और मोर्चरी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।