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अपर सत्र न्यायाधीश संख्या-5 के पीठासीन अधिकारी अनुभव सिडाना ने जानलेवा हमले के एक सनसनीखेज मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी बजरंगलाल को 10 साल के कठोर कारावास और 1.11 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह जुर्माना पीड़ित पवन को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा।
यह मामला 1 अक्टूबर 2015 का है, जब परिवादी रामकिसन ने नापासर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट के अनुसार, रामकिसन हरिरामपुरा का निवासी है और आरोपी उसका चाचा बजरंगलाल है, जो उस वक्त नोखा में अपने ससुराल में रह रहा था। घटना की रात बजरंगलाल अपने भाइयों तेजाराम, प्रभुराम और ओमप्रकाश से मिलने आया था। परिवादी का परिवार तेजाराम के मकान के पास ही रहता है। रात करीब 11 बजे बजरंगलाल ने परिवादी की मां को अपशब्द कहे, जिस पर उसका भाई पवन और मां उसे समझाने पहुंचे। इस दौरान गुस्से में आए बजरंगलाल ने कुल्हाड़ी से पवन पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
इस मामले में अदालत में अभियोजन पक्ष ने 11 गवाहों के बयान पेश किए, जिनके आधार पर बजरंगलाल को दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत मुआवजा देने की अनुशंसा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी की है।