Vice President Resignation
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर सियासत गरमा गई है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटनाक्रम पर बड़ा बयान देते हुए इसे संशय भरा बताया और सीधे तौर पर बीजेपी-आरएसएस की भूमिका पर सवाल उठाए।
गहलोत ने कहा — धनखड़ संसद के भीतर और बाहर लगातार किसानों के मुद्दे उठाते रहे। उन्होंने तो एक बार कृषि मंत्री को भी खरी-खोटी सुनाई थी। तभी मुझे आभास हो गया था कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और उपराष्ट्रपति दोनों ही किसी दबाव में हैं। अब इस्तीफे ने यह शक और गहरा कर दिया है।”
गहलोत ने याद दिलाया — मैंने जब जोधपुर में ये बात कही तो उसका खंडन जयपुर में हुआ था। लेकिन मेरे उनके परिवार से 50 वर्षों के संबंध हैं। ऐसे में अचानक इस्तीफा देना, और वह भी बिना फेयरवेल यह सवाल खड़े करता है कि क्या बीजेपी-आरएसएस कोई नया राजनीतिक खेल खेल रही है? यह चौंकाने वाला, दुखद और हैरान करने वाला फैसला है। जब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे पदों पर बैठे लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद पद नहीं छोड़ते, तो फिर उपराष्ट्रपति ने क्यों छोड़ा? क्या वजह है जो देश के सामने नहीं आ रही?
गहलोत के बयान ने सियासी हलकों में नई चर्चा को हवा दे दी है। अब हर कोई जानना चाहता है — क्या वाकई उपराष्ट्रपति पर कोई अदृश्य दबाव था या कोई अंदरूनी राजनीतिक रणनीति?