BJP leader drug case
आगर-मालवा पुलिस ने अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये के ड्रग नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड भाजपा तनोडिया मंडल उपाध्यक्ष राहुल आंजना निकला, जो वर्तमान में ग्राम पंचायत का सरपंच प्रतिनिधि भी है।
भारी मात्रा में ड्रग्स और मशीनरी बरामद
एसपी विनोद कुमार सिंह और एएसपी रविन्द्र कुमार बोयट के मार्गदर्शन में तड़के हुई इस कार्रवाई का नेतृत्व सीएसपी मोतीलाल कुशवाह और कोतवाली प्रभारी शशि उपाध्याय ने किया। जांच के दौरान पुलिस ने दो लग्जरी गाड़ियों मारुति अर्टिगा (MP13CE6055) और इग्निस (MP13CD4006) से बड़ी खेप जब्त की।
जब्त माल में शामिल है:
- 9.250 किलो केटामाइन ड्रग
- 6 ग्राम एमडी ड्रग (मेफेड्रोन)
- 12.100 किलो अमोनियम क्लोराइड पाउडर
- 35 लीटर आइसोप्रोपिल अल्कोहल
- ड्रग बनाने की मशीनरी और अन्य रसायन
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बरामद सामग्री की कीमत 5 करोड़ 8 लाख रुपये आंकी गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, 1 किलो केटामाइन से लगभग 10 किलो एमडी तैयार किया जा सकता है, जो इसे और भी खतरनाक बनाता है।
इस कार्रवाई में पुलिस ने ईश्वर मालवीय और दौलत सिंह आंजना को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी राहुल आंजना फरार है। पुलिस ने उसके घर से संदिग्ध दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए हैं। मोबाइल डाटा और बैंक खातों की जांच में बड़े सप्लायर्स और खरीदारों से हुई बातचीत, सौदों के सबूत और बेहिसाब ट्रांजेक्शन सामने आए हैं। राहुल आंजना पूर्व में भाजपा युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष रह चुका है और वर्तमान में भाजपा मंडल उपाध्यक्ष है। कार्रवाई के बाद उसके कई बड़े नेताओं के साथ खिंचवाए गए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क फैक्ट्री स्तर पर एमडी ड्रग का निर्माण और सप्लाई कर रहा था।
राहुल आंजना पूर्व में भाजपा युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष रह चुका है और वर्तमान में भाजपा मंडल उपाध्यक्ष है। कार्रवाई के बाद उसके कई बड़े नेताओं के साथ खिंचवाए गए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क फैक्ट्री स्तर पर एमडी ड्रग का निर्माण और सप्लाई कर रहा था।
पुलिस ने आरोपियों पर मादक पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा 8 और 22 के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल फरार आरोपी की तलाश जारी है और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस का दावा है कि डिजिटल सबूतों और बैंक रिकॉर्ड से आने वाले दिनों में और बड़े नाम बेनकाब हो सकते हैं।