



RASHTRA DEEP NEWS। राजस्थान का रण जीतने के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने कमर कस ली है। वहीं बीजेपी इस बार राजस्थान के राज सिंहासन पर बैठने के दावे के साथ चुनावी गुणा-भाग में लगी हुई है।
राजस्थान में बीजेपी कांग्रेस से सत्ता छीनने में कामयाब हो पाती है तो मौजूदा राजस्थान की राजनीतिक तस्वीर में कई दावेदार खड़े हैं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा की दावेदारी जरा सी भी कमजोर होगी तो राज्य में मुख्यमंत्री के अन्य दिग्गज दावेदारों की बाछें खिल जाएंगी। डालते हैं एक नजर बीजेपी के उन दिग्गजों नेताओ पर जो वसुंधरा के बाद लाइन में तैयार खड़े हैं।
1. राजेंद्र राठौड़
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी हुई है। राठौड़ पार्टी में अपनी बात रखने में माहिर हैं। राठौड़ आलाकमान के करीबी माने जाते हैं। राठौर भी राजस्थान में सीएम चेहरे के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
2. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी इस बार मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में नजर आ रहे हैं। राजस्थान के मुद्दों पर नजर बनाई हुई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बीते 1 साल से राजस्थान के मुद्दों पर लगातार बयान बाजी कर रहे हैं।
3. किरोड़ी लाल मीणा
किरोड़ी लाल मीणा वसुंधरा राजे गुट से आते हैं। लेकिन बीते दिनों जिस तरह किरोडी लाल मीणा धरने प्रदर्शन कर रहे हैं तो आलाकमान की निगाहें किरोडी लाल मीणा पर बनी हुई हैं। किरोडी लाल मीणा की शिकायत के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष के पद का बदलाव हुआ था।
4. सतीश पूनिया
सतीश पूनिया भी दिग्गज दावेदारों की कतार में खड़े माने जाते हैं। बीजेपी में बैर के कारण सतीश पूनिया को अपना नेता प्रतिपक्ष का पद गंवाना पड़ा था। तब राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा ने नाराजगी जताई थी। प्रदर्शन में बीजेपी नेताओं के शरीक नहीं होने के कारण केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की थी. हालांकि सतीश पुनिया कार्यकाल खत्म होने का बार-बार हवाला दे रहे थे।
5. सी.पी जोशी
वसुंधरा राजे गुट से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी आते हैं. प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद जोशी ने राजे का आभार जताया था। सीपी जोशी चित्तौड़गढ़ से आते हैं। संघ में सक्रियता के कारण ही केंद्रीय नेतृत्व ने सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी।
