RASHTRA DEEP NEWS। राजस्थान में नए मुख्य सचिव के लिए चर्चा तेज हो गई है। सीएम गहलोत ने मंथन करना शुरू कर दिया है। चीफ सेक्रेटरी ऊषा शर्मा 30 जून को सेवानिवृत्त होंगी। ऐसे में नए मुख्य सचिव की रेस में आधा दर्जन नाम सबसे आगे चल रहे हैं। आईएएस शुभ्रा सिंह, वीनू गुप्ता, सुबोध अग्रवाल, राजेश्वर सिंह और रोहित सिंह के नाम सबसे आगे चल रहे है। चर्चा यह भी है कि सीएम अशोक गहलोत चुनावी साल होने की वजह से जातीय समीकरण वाला दांव खेल सकते हैं। यानी सीएम समीकरण साधने के लिए वरिष्ठता की अनदेखी कर सकते हैं। सीएम गहलोत पहले ऐसा कर चुके हैं। 10 वरिष्ठ आईएएस अफसरों की अनदेखी कर निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया था । निरंजन आर्य राजस्थान के पहले दलित मुख्य सचिव बने थे।
सचिवालय के गलियारों में चर्चा है कि मुख्य सचिव को एक्सटेंशन नहीं मिल रहा है। हालांकि, मुख्य उषा शर्मा भी एक्सटेंशन लेने को इच्छुक नहीं थी । उषा शर्मा वापस दिल्ली लौटना चाहती है। ऐसे में यह तय है कि राजस्थान को नया मुख्य सचिव मिलेगा चुनावी साल को देखते हुए ये माना जा रहा था कि मौजूदा मुख्य सचिव को साल भर का एक्सटेंशन मिलने वाला है, लेकिन सचिवालय सूत्रों की मानें तो एक्सटेंशन की फाइल एक महीने पहले अनुमति के लिए केंद्र सरकार भेजी जाती है लेकिन एक्सटेंशन की फाइल दिल्ली नहीं भेजी गई है।
राजस्थान के मुख्य सचिव पर निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लेंगे। माना जा रहा है कि चुनावी साल से मद्देनजर सीएम गहलोत जातीय समीकरणों का ध्यान रखेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि राजपूतों को लुभाने के लिए सीएम गहलोत शुभ्रा सिंह या राजेश्वर सिंह पर दांव खेल सकते है। शुभ्रा सिंह के मुख्य सचिव बनने की ज्यादा संभावनाएं दिखाई दे रही है। वजह यह है कि शुभ्रा सिंह हाल ही में दिल्ली से राजस्थान लौटी है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री से उन्हें मुख्य सचिव बनने का आश्वासन मिला है।