RASHTRA DEEP NEWS
कल का दिन राजस्थान विधानसभा इतिहास का सबसे “शर्मनाक” दिन के रूप में याद किया जायेगा, क्योंकि कल विधानसभा में अत्यंत निम्न भाषा से लेकर खुल्लेआम मारधाड़ हुई , ऐसी भाषा व द्रश्य कम से कम शांत प्रदेश राजस्थान विधानसभा इतिहास में पूर्व में कभी देखें नहीं गये।इस शर्मनाक कांड दिन के झगड़े की जड़ “लाल डायरी” बनी, जिसे चुना गया जन प्रतिनिधि विधानसभा की पटल पर रखना चाहते थे, मगर सत्तासीन दल नहीं चाहता था कि यह डायरी सदन की धरोहर बनकर इसमें दर्ज गोपनीय राज उगले, इस लाल डायरी में इतने गंभीर गोपनीय राज क्या थे, जिनको लेकर भारी बवाल खड़ा हो गया है, और राजस्थान में मानो जैसे राजनीतिक भूचाल आ गया है, यह बात जानने के लिए समूचे प्रदेश की जनता बेचैन है।
लाल डायरी की बात करके राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने वाले कोई पराये नहीं है, बल्कि कल तक गहलोत सरकार के अंग रहे पूर्व मंत्री राजेंद्र गुड़ा हैं, जो कहते हैं कि इस लाल डायरी में गहलोत सरकार के 500 करोड़ रुपए के अवैध लेन देन व अनैतिक हरकतों का उनके हाथ से ही लिखा गया कच्चा चिट्ठा है, जो केन्द्रीय जांच दलों ने मुख्यमंत्री गहलोत के विश्वसनीय साथी के घर पर छापा मारकर बरामद की थी, जिसे उन्होंने कड़े केन्द्रीय पहरे से गहलोत के कहने से चुराई थी, क्योंकि गुड़ा के मुताबिक इस लाल डायरी में गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार का इतिहास है, जिसका भेद केन्द्रीय जांच दलों को मिल जाता तो सरकार की बर्खास्तगी तो तय थी, गहलोत सहित धर्मेन्द्र राठौड़ इत्यादि साथियों को जेल की हवा खानी पड़ती, इन सब की जान केन्द्रीय जांच दलों के छापे में पकड़ी गई लाल डायरी में अटकी हुई थी।
इस लाल डायरी में ऐसा क्या है की जिसने राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया है, इस पर गहलोत सरकार ने भी चुप्पी साध रखी है और ना ही राजेन्द्र गुड़ा विस्तृत जानकारी दे रहे हैं, मात्र हाल फिलहाल तो राजनैतिक हंगामा ही हो रहा है। और अनेकों रहस्य पैदा कर दिये है, जिनका पटाक्षेप कब व कैसे होगा, अंजाम कोई नहीं जानता है।