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बड़ी संख्या में झोलाछाप डॉक्टर अवैध रूप से अपने क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। ये मौत का कारण भी बन रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को अलवर के कस्बे के रैणी क्षेत्र में देखने को मिला।
जहां 14 माह के बालक का उसके परिजनों ने एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक में उपचार कराया था। उपचार के बाद बालक की तकलीफ बढ़ गई और परिजन उसे सरकारी अस्पताल लेकर भी गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। खास बात यह है कि जिस निजी क्लिनिक में परिजनों ने बालक का उपचार कराया, उसे दो दिन पहले ही सीएमएचओ की टीम ने बंद किया था।
बालक को सीपीआर व जरूरी जीवन रक्षक दवाइयां भी दी गई, लेकिन कोई हलचल नहीं हुई। इस पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. परिजनों ने डॉ दीपक शर्मा को बताया कि बालक चार से पांच दिन से बीमार था। उसे मंगलवार रात को क्षेत्र के किसी निजी क्लीनिक में उपचार के लिए लेकर गए। बुधवार को भी रैणी अस्पताल आने से पहले निजी क्लीनिक में बालक को उपचार के लिए लेकर गए। वहां कथित चिकित्सक ने बालक के जो इंजेक्शन लगाए, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। आनन फानन में परिजन बालक को रैणी सीएचसी लेकर पहुंचे। अस्पताल में ही बालक के माता पिता बिलखने लगे और बालक को सीपीआर देने लगे। उसके मुंह में पानी डालने लगे। घटना के बाद से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।