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श्रीडूंगरगढ़ में बनाया जाए मल्टी परपज स्टेडियम: विधायक ताराचंद सारस्वत…

RASHTRADEEP NEWS

श्रीडूंगरगढ विधायक ताराचंद सारस्वत ने मंगलवार को युवा एवं खेल मामलात तथा उद्योग पर अपनी बात रखी तथा युवाओं के लिए श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में मल्टी परपज स्टेडियम बनाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के सैंकड़ों युवा राज्य व नेशनल स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधत्व कर चुके हैं। इन्हें पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाना आज की जरूरत है, जिससे युवा खेलों के माध्यम से अपना विकास कर और आगे बढ़ सके।विधायक सारस्वत ने अग्निवीर योजना के लिए तहसील स्तर काउंसलिंग केंद्र खोलने की मांग उठाई। जिससे इस योजनाओं से जुड़ी भ्रांतियां दूर की जा सकें। विधायक सारस्वत ने परंपरागत खेलो को बढ़ावा के चौपड़, गुल्ली डंडा, काला हाथी, कुश्ती और पहलवानी आदि के विकास के लिए मांग रखी। उन्होंने कहा युवा क्षेत्र की पूंजी हैं। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया के सपने को साकार करने के लिए युवाओं के सर्वांगीण विकास की आवश्यकता है।

उद्योग पर चर्चा करते हुए विधायक सारस्वत ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में रीको द्वारा और अधिक स्थान आवंटित होती है तो कृषि आधारित उद्योगों का निर्माण हो सकेगा, जिससे रोजगार के साधन बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीडूंगरगढ विधानसभा क्षेत्र में मूंगफली, चना, बाजरा, ग्वार, मोठ, सरसों आदि मुख्य फसलों का उत्पादन होता है मूंगफली की आवक सीजन में 50-60 हजार बोरी प्रतिदिन होती है। पर रीको की सुविधाओं के अभाव में उद्योगों की कमी से किसानों को अपनी फसलें बाहर भेजनी पड़ती हैं, जिससे तहसील को राजस्व का नुकसान तो होता ही है साथ किसानों को अधिक खर्चा उठाना पड़ता है।

विधायक ने बताया कि भारत सरकार द्वारा क्षेत्र के लखासर गांव में पोटाश का खनन शुरू करने और इस पर अधिक काम करने की आवश्यकता है। पोटाश का उपयोग यूरिया में होता है, तो नैनो यूरिया बनाने में मदद मिलेगी। पोटाश के खनन से भारत की बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में कार्य कर सकेंगी, जिससे क्षेत्र में विकास के साथ समृद्धि भी आएगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। विधायक ताराचंद सारस्वत ने बताया कि आधुनिक प्रकल्पों जैसे ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र, नैनो यूरिया छिड़काव आदि संभावनाओं को लेकर कोशल विकास केंद्र स्थापित किया जाएं। साथ ही सोलर से जुड़े प्रोजेक्ट, वाहन रिपेयरिंग आदि कोर्स से युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएं, जिससे युवा व्यवसाय प्रारंभ कर पाएंगे।

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