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राजस्थान के चुनाव प्रचार से दूरी बनाए जाने के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। जबकि मतदान के लिए सात दिन ही बाकी हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल कानून पचड़ों में फंसे हुए है। आप के बड़े नेता एक-एक करते जेल जा रहे हैं। कथित शराब घोटाला के वजह से सीएम केजरीवाल दिल्ली से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आप के दूसरे बड़े नेता भी राजस्थान आने से करता रहे हैं।
भारत निर्वाचन आयोग ने राजस्थान समेत पांच राज्यों 9 अक्टूबर तो चुनावी तारीखों का ऐलान किया था। लेकिन एक महीने के बीत जाने के बाद भी अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं आ पाए। राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग है। चुनाव प्रचार 48 घंटे पहले ही समाप्त हो जाएगा। ऐसे में राजनीतिक दलों के पास प्रचार के लिए 5 दिन बचे हैं।
मतदान से ठीक पहले गहलोत ने जयपुर की हवामहल सीट से आप प्रत्याशी पप्पू कुरैशी को कांग्रेस प्रत्याशी से समर्थन में बैठा दिया। पार्टी करीब सभी 200 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे है। लेकिन पार्टी के बड़े नेता नहीं आ रहे है। बता दें आम आदमी पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सबसे ज्यादा नुकसान किया था। कांग्रेस पार्टी 17 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा दी थी। लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत का जादू चल गया है कि आप उम्मीदवार कांग्रेस के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।