राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट के सामने सीएम गहलोत को काले झंडे दिखाए। एबीवीपी से जुड़े छात्र सीएम गहलोत के काफिले के सामने आ गए और नारेबाजी करने लगे। बताया जा रहा है कि विरांगनाओं के समर्थन और बीजेपी सांसद किरोड़ीलाल के साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध में आज राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का काले झंडे दिखाकर विरोध किया गया गया। हालांकि, पुलिस ने जमकर लाठियां भी भांजी है । कई छात्रों को हिरासत में लिए जाने की खबर है। एबीवीपी से जुड़े छात्र सीएम गहलोत के काफिले के सामने आ गए है। जमकर नारेबाजी की।

अचानक सीएम की गाड़ी के सामने आगए, प्रदर्शनकारी स्टूडेंट सीएम गहलोत की गाड़ी के सामने आ गए। जमकर नारेबाजी की। अचानक हुए घटनाक्रम से वहां अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारी छात्रों को हटाया। पुलिस ने ABVP की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष भारत भूषण यादव, सचिव रोहित मीणा, देव पलसानिया, गुलजार मीणा, मनु दाधीच को गिरफ्तार किया। बता दें, सीएम गहलोत आज लॉ कॉलेज में छात्र संघ कार्यालय का उद्घाटन करने गए थे। कार्यक्रम के बाद सीएम के लौटते समय ABVP राजस्थान इकाई के कार्यकर्ताओं ने वीरांगनाओं के सम्मान में काले झंडे दिखाए। पुलिस ने काले झंडे दिखाने वाले छात्रों को गिरफ्तार किया है।

सीएम ने लॉ कॉलेज में छात्र संघ कार्यालय का उद्घाटन किया, लॉ कॉलेज में छात्र संघ कार्यालय का उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि हमने युवाओं और छात्रों को टारगेट बनाया था। उसी के अनुसार फैसले लिए हैं। पेपर लीक होने से सरकार की बदनामी होती है, लेकिन ऐसा देशभर में हो रहा है। आर्मी से लेकर कोर्ट तक के पेपर लीक हुए है। हमने तो बस से लेकर खाने तक की व्यवस्था की थी। पेपर लीक ने उस पर पानी फेर दिया। गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि राजस्थान का युवा देश में कही पीछे न रहे। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बन रहा है। नॉलेज ही पावर है। राजस्थान में आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसी सारी शैक्षणिक संस्थान बन गए हैं। देशभर में राजस्थान मेडिकल का हब बन चुका है।
एनएसयूआई का झंडा लहराता है तो खुशी मिलती है ।सीएम गहलोत ने यूनिवर्सिटी में 6 करोड़ से सिंथेटिक ट्रैक बनाने की घोषणा की। गहलोत ने कहा कि किसी न किसी बहाने से यूनिवर्सिटी आने का मौका मिलता है तो बहुत अच्छा लगता है। संघर्ष करने से ही विजय होती है। हार-जीत की परवाह किए बिना आगे बढ़ें, क्योंकि जीत सत्य की होती है। एनएसयूआई के पहले अध्यक्ष वो खुद थे, उन्होंने ही एनएसयूआई का झंडा तैयार करवाया था। आज वो लहराता हुआ नजर आता है तो बहुत खुशी मिलती है।
