RASHTRADEEP NEWS
बढ़ रहे क्राइम को कंट्रोल करने के लिए संदिग्धों के मूवमेंट पर निगरानी और यातायात व्यवस्था में मदद के लिए शहर में 106 जगहों पर 301 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रणाली बेस इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) कैमरे लगेंगे। इसके संचालन के लिए 45 करोड़ का बजट मांगा है।
इस संबंध में जयपुर कमिश्नरेट पुलिस द्वारा प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है। इस प्रस्ताव के साथ पुलिस ने कैमरों की विशेषता, लगाने के प्वाइंट और कैमरों की संख्या भी भेजी है। इन प्वाइंट में प्रमुख चौराहों के साथ- साथ शहर में आने वाले बड़े मार्ग भी शामिल किए हैं। इन कैमरों में चेहरे पहचान कर उनके मूवमेंट की निगरानी करने की क्षमता के साथ- साथ वाहनों के नंबरों की पहचान रखी जाएगी।
AI की विशेषता: पहचाने गए संदिग्ध व्यक्ति व वाहन के15 दिन के मूवमेंट का रूट मैप तैयार हो सकता है। चोरी हुए वाहन या वांछित अपराधी का मूवमेंट होगा तो पॉप- अप के जरिए सूचना देगा। आमजन से मिली सूचना जैसे हुलिया, रंग, मॉडल या अधूरे नंबर के आधार पर भी संदिग्ध की पहचान करने की सुविधा होगी। कैमरों के निगरानी क्षेत्र में छोड़ी कई संदिग्ध वस्तु की पॉप-अप कर जानकारी देंगे। एक ही स्थान पर 24 घंटे से ज्यादा समय तक खड़े वाहन की सूचना भी देंगे।
• पुलिसकर्मियों के व्यवहार पर निगरानी रहेगी। • वाहन फिटनेस, रोड टैक्स, इंश्योरेंस का अपडेट। • यातायात और चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइट की मॉनिटरिंग होगी। लाइट खराब हुई तो तुरंत सूचना मिलेगी। • नो एंट्री में भारी वाहनों को चिह्नित कर सकेंगे। • बार-बार नियमों की अवहेलना करने वाले चालकों और उनके चालान के निस्तारण की जानकारी मिलेगी। • तय स्पीड से तेज दौड़ने वाले वाहनों की जानकारी कंट्रोल रूप को पॉप-अप के जरिए मिल जाएगी। इससे सड़क हादसों में कमी आ सकेगी। • फेस रिकग्निशन सुविधा के कारण धरना, प्रदर्शन व रैली के दौरान रिकॉर्डिंग का एनालिसिस कर संदिग्धों की पहचान की जा सकती है। नियमों की अवहेलना करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।