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हरियाणा में भजनलाल परिवार ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से पूरी तरह किनारा कर लिया है। इस बार भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई ने नामांकन कार्यक्रम के पोस्टरों पर पूर्व सीएम मनोहर लाल की फोटो तक नहीं लगाई। पोस्टर पर खट्टर को छोड़कर बाकी नेताओं को जगह दी गई है।

इस पोस्टर पर न सिर्फ पूर्व सीएम भजनलाल, पिता कुलदीप बिश्नोई की फोटो लगाई गई है। बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश सह प्रभारी सतीश पूनिया, बिप्लब देब, मुख्यमंत्री नायब सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और जिला अध्यक्ष अशोक सैनी की भी फोटो लगाई गई है।
इसकी वजह वह किस्सा माना जा रहा है जो खट्टर ने भजनलाल को लेकर सुनाया था। बिश्नोई परिवार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, इस बयान का असर यहां हुआ कि बिश्नोई समाज के इलाकों में भाजपा बुरी तरह हारी। बिश्नोई परिवार के गढ़ आदमपुर में भी भाजपा पिछड़ गई। बिश्नोई परिवार को डर है कि खट्टर की फोटो लगाने पर बिश्नोई समुदाय उनसे नाराज हो सकता है।
जाने किस्सा
कैमरी गांव में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मनोहर लाल ने मंच से कुछ किस्से सुनाए जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़े थे। मनोहर लाल ने कहा- मैं आपको एक पुराना किस्सा सुना रहा हूं। हालांकि, इसमें शामिल नेता का नाम नहीं बताऊंगा। इसी इलाके (हिसार जिले) का एक व्यक्ति चंडीगढ़ में उनके नेता के पास गया और शिकायत की कि गांव के पटवारी ने फर्द (भूमि रिकॉर्ड की नकल) जारी करने के लिए उससे 100 रुपए की रिश्वत ली है। मनोहर लाल के मुताबिक, इस पर नेता ने उस व्यक्ति से पूछा कि चंडीगढ़ आने में उसे कितना खर्चा आया तो उसने कहा कि चंडीगढ़ आने में उसे 200 रुपए खर्चा आया और 2 दिन भी बर्बाद हुए। यह सुनकर नेता ने उस व्यक्ति को डांटा और कहा कि जब उसने कम पैसे देकर अपना काम करवा लिया तो चंडीगढ़ आने में 200 रुपए क्यों बर्बाद किए इस कहानी को पूरा करते हुए खट्टर ने आगे कहा कि पहले हरियाणा के नेताओं की मानसिकता ऐसी ही थी। बिश्नोई परिवार का मानना है कि जिस नेता की कहानी खट्टर ने सुनाई वह पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल थे। इसी बात को लेकर बिश्नोई परिवार नाराज है।
इस किस्से के बाद कुलदीप बिश्नोई भी नाराज होकर घर बैठ गए थे। इसके बाद जब पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर उन्हें मनाने के लिए उनके घर पहुंचे तो दोनों के बीच इसको लेकर हॉट टॉक भी हुई। इसके बाद वह अपने भाजपा विधायक बेटे भव्य बिश्नोई को लेकर दिल्ली पहुंच गए। जहां उन्हें मनाने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी पहुंचे थे, जहां लगभग 2 घंटे तक इसको लेकर मीटिंग हुई थी।