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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने शुक्रवार को बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की और सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के बाद व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया। बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने यह घोषणा की। यह घोषणा पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी और राजधानी में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद की गई। मीडिया की खबरों के अनुसार, हिंसा में कई लोग मारे गए हैं। कादर ने कहा कि नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।
भारतीय छात्रों की वतन वापसी हुई शुरू
वहीं बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच भारत सरकार भी एक्शन में आ गई है। बांग्लादेश में फंसे भारतीय छात्रों की देश वापसी शुरू हो गई है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पहले जत्थे में कुल 245 भारतीय नागरिक वापस लौटे हैं। इनमें 125 भारतीय छात्र थे और 13 नेपाली छात्र थे। सरकार ने कहा है कि ढाका में भारतीय उच्चायोग और बांग्लादेश में भारतीय सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों की किसी भी सहायता के लिए उपलब्ध हैं।