Bikaner News
बीकानेर विकास प्राधिकरण ने धीरे-धीरे पुरानी फाइलें खोल रही है। जिसके चलते कोई न कोई फर्जीवाड़ा भी सामने आ रहा है। अब नगर सुधार अधिनियम 1959 की शक्ति का प्रयोग करते हुए बीकानेर विकास प्राधिकरण ने सादुल गंज के भूखंड संख्या सी 69 का पट्टा निरस्त करते हुए उसे पर अपने कब्जे ले लिया है। यह पट्टा मानिका पुत्री बलवंत सिंह पन्नू के नाम से दर्ज था। बीडीए का तर्क है कि यह भूखंड फर्जी दस्तावेजों से हासिल किया गया था। बीडीए कमिश्नर अपर्णा गुप्ता की ओर से जारी आदेश के तहत 13 मार्च 2024 को फर्जी दस्तावेजों और तथ्यों के आधार पर सादुल गंज के सी 69 नंबर भूखंड का पटटा हासिल किया गया था।
कहां जा रहा है कि सी 60 के तहत मिश्रित उपयोग का पटटा विलेख क्रमांक 240 13 मार्च 2024 को लिया गया था। बीडीए के पास इसकी शिकायत हुई तो इस मामले की जांच हुई। जांच में शिकायत सही पाई गई जांच में और भी कई तरह के झूठे तथ्य पाए गए। जानकारों के अनुसार इससे पहले भी इसी भूखंड पर कार्यवाही की गई थी। इस भूखंड को यूआईटी की ओर से कब्जे में लिया गया था। लेकिन उस समय यूआईटी सचिव का तबादला हो गया। इसके बाद भूखंड का पट्टा फिर से जारी कर दिया गया।
अब फिर बीडीए बनने के बाद यहां कार्यवाही की गई है। सवाल ये ही उठता है की आखिर जिस अधिकारी या कर्मचारी ने इसको जारी किया उस पर कार्यवाही कब होगी। या फिर बीडीए केवल कब्ज़ा वापस होने के बाद कोई कार्यवाही नहीं करेगा। जानकारों के अनुसर ये जमीन 6 से 8 करोड़ की बताई जा रही है।