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राजस्थान की भजनलाल सरकार साल खत्म होने से गहलोत सरकार के एक और फैसले को पलटने की तैयारी में लगी हुई है। राजस्थान सरकार ने उप प्रधानाचार्य के पद को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। हाल ही शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में इस पद को डाइंग काडर घोषित करने पर चर्चा हुई।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि स्कूलों में इस पद की आवश्यकता नहीं है और इसके चलते व्याख्याताओं की कमी हो रही है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उप प्रधानाचार्य का पद पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सृजित किया गया था। वर्तमान सरकार इस फैसले को पलटने की तैयारी में है। इसे समाप्त करने से व्याख्याताओं को सीधे प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति का लाभ मिलेगा। इससे स्कूलों में व्याख्याताओं की कमी भी पूरी होगी, और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।