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भजनलाल सरकार ने एक आदेश के जरिए साफ संकेत दे दिए हैं कि गहलोत सरकार में बने सभी नए जिले हट सकते है। इनमें से कई छोटे जिलों को उनके मूल जिलों में ही मर्ज किया जा सकता है।
दरअसल, गहलोत सरकार में बने नए 17 जिलों में राजस्व से संबंधित सभी काम पुराने मूल 17 जिलों में तैनात कलेक्टर ही करेंगे। भजनलाल सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए मूल जिलों में लगे कलेक्टर्स के पावर को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है। 5 अगस्त 2023 को तत्कालीन गहलोत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके 17 नए जिलों का गठन किया था। उस समय नए जिलों में विभिन्न विभागीय सोसायटियों से संबंधित राजस्व कलेक्शन, वर्क सेंशन और काम के बदले भुगतान के अधिकार मूल जिला कलेक्टर को ही दिए थे। ये अधिकार 31 मार्च 2024 तक ही दिए गए थे, लेकिन भजनलाल सरकार ने अब इन अधिकारों को एक साल और बढ़ाकर 31 मार्च 2025 तक करने का निर्णय किया है। वित्त विभाग से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि कौन से नए जिले, पुराने जिले में मर्ज होंगे, यह अभी साफ नहीं है।
इनमें अनूपगढ़ (बीकानेर और गंगानगर), ब्यावर (पाली और अजमेर), नीमकाथाना (सीकर और झुंझुनूं) और केकड़ी (अजमेर और टोंक) ऐसे जिले हैं, जहां दो अलग-अलग जिलों की तहसील जोड़कर बनाई गई हैं।