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प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना को लागू करने में अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में एक नई गिरफ्तारी की है सूत्रों ने बताया कि श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के संचालक पद्मचंद जैन को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि पद्मचंद जैन को शुक्रवार को जयपुर में एक विशेष अदालत के सामने पेश किया गया और वहां से 18 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।
जांच एजेंसी ने इससे पहले साल की शुरुआत में पीयूष जैन को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने दावा किया है कि जैन ‘मुख्य आरोपियों’ में से एक है और उसे अपनी कंपनी में अपराध की आय प्राप्त होती है।
अधिकारियों को दी रिश्वत
ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर पर आधारित है जिसमें आरोप लगाया गया था कि पदमचंद जैन, महेश मित्तल श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के संचालक, पीयूष जैन और अन्य लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य और आभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) से विभिन्न टेंडरों की प्राप्ति के संबंध में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल थे।
जल जीवन मिशन से पैसे का गबन
एजेंसी ने पहले जारी एक बयान में आरोप लगाया कि संदिग्ध अपने कॉन्टैक्ट में उपयोग करने के लिए हरियाणा से चोरी का सामान खरीदने में भी शामिल थे और उन्होंने पीएचईडी के कॉन्टैक्ट पाने करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इरकॉन के फर्जी कार्य समापन पत्र भी जमा किए थे। ईडी ने दावा किया था कि कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलर ने जल जीवन मिशन से धन का गबन करने में राजस्थान सरकार के पीएचईडी के अधिकारियों की मदद की थी।
ईडी ने जांच के सिलसिले में जयपुर और दौसा में पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों, राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी और आईएएस अधिकारी और तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के आवासीय और आधिकारिक परिसरों सहित विभिन्न परिसरों की तलाशी ली। मामले में अब तक 11.03 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।