Amit Shah Parliament Bill News
भारतीय राजनीति में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने की दिशा में केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को संसद में तीन अहम विधेयक पेश करेंगे, जिनमें यह प्रावधान किया गया है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री गंभीर आपराधिक मामले (जहां न्यूनतम सजा 5 साल हो) में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन वह अपने पद से स्वतः हटा दिया जाएगा।
पेश होने वाले तीन विधेयक
- केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025
इसमें धारा 45 में बदलाव किया गया है। अब तक मुख्यमंत्री या मंत्री को गिरफ्तारी/हिरासत की स्थिति में पद से हटाने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं था।
- संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025
संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यों और दिल्ली NCT के मुख्यमंत्री/मंत्री भी गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी के बाद पद पर नहीं बने रह पाएंगे।
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025
धारा 54 में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी इसी व्यवस्था के दायरे में लाया जाएगा।
यह कदम ऐसे मामलों को देखते हुए उठाया जा रहा है, जब नेता गंभीर अपराधों में गिरफ्तारी के बावजूद पद पर बने रहे।दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 6 महीने जेल में रहते हुए भी पद पर बने रहे।तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी 241 दिन जेल में रहे, लेकिन इस्तीफा नहीं दिया।
केंद्र का मानना है कि इस बदलाव से राजनीति में साफ-सुथरी छवि, जवाबदेही और नैतिकता को मजबूती मिलेगी। साथ ही जनता का भरोसा भी बढ़ेगा कि अपराध में लिप्त किसी भी नेता को तुरंत सत्ता से दूर किया जाएगा।