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यह मामला बीकानेर जिले के देशनोक का है। जहां बीते कुछ दिन पहले एक युवक ने नाबालिग को बहला फुसलाकर भागा कर ले गया। जिसके चलते नाबालिग के परिजनों ने पोक्सो का मामला दर्ज करवाया था। जिसके बाद पुलिस की कार्यवाही के दौरान नाबालिग अयोध्या में मिली। जिसके बाद नाबालिग को अयोध्या से देशणोक लाया गया। बता दे, यह मामला CMO तक पहुंच गया है। और इससे पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया।
लेकिन परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है। परिजनो का कहना है कि, पुलिस की उपस्थिति में नाबालिग के साथ गलत काम हुआ है। जब नाबालिग को अयोध्या से देशणोक ला रहे थे। तब ट्रेन नोखा या उसके बाद सीधे बीकानेर रुकती है। इसलिए पुलिस टीम ओर नाबालिग नोखा में उतर गए। जहां एक होटल में रुके। अगले दिन नाबालिग को नारी निकेतन भेज दिया गया। 18 अक्टूबर को उसे परिजनों को सौंप दिया। परिजनो का कहना है कि, नोखा के उस होटल में पुलिस की उपस्थिति में भागा ले जाने वाले युवक ने नाबालिग के साथ कुकर्म किया गया। साथ ही, देशनोक पुलिस के कर्मचारियों पर भी परेशान करने के आरोप लगाए है। जिसके चलते आरोपों की जांच करने पुलिस होटल पहुंची और वहां लगे सीसीटीवी फुटेज देखी।
एसएचओ देशनोक सुमन शेखावत ने कहा कि, परिजनों द्वारा जो आरोप लगाए गए है। उनकी जांच हो रही है। नाबालिग के 164 व 161 में मजिस्ट्रेट के समक्ष कराए गए थे। स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया। इसके बाद ही सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया। उस दौरान ऐसी कोई बात अभी तक सामने नहीं आई थी। वैसे आरोप बेबुनियाद हैं। अगर इस मामले में किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता सामने आई, तो उस पर सख्त से सख्त कार्यवाही जाएगी।