Bikaner News Today
एससी-एसटी विशेष अदालत ने मंगलवार को बीकानेर के बांद्रा बास क्षेत्र में पांच साल पहले हुई निर्मम हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में तीनों को तीन महीने अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यह मामला वर्ष 2020 के जून माह में सामने आया था, जब जीतू उर्फ भरत वाल्मीकि की दिनदहाड़े चाकुओं और तलवारों से गोदकर हत्या कर दी गई थी। यह पूरी घटना बांद्रा बास की परचून की दुकान पर उस समय हुई जब जीतू वहां बैठा हुआ था।
हत्या की पृष्ठभूमि: रंजिश और पुरानी दुश्मनी बनी वजह
26 जून, 2020 को कोटगेट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बुलाराम वाल्मीकि ने बताया था कि उसके भतीजे जीतू पर सराजुद्दीन, बबलू उर्फ अब्दुल रहमान और मोहम्मद इम्तियाज ने मिलकर जानलेवा हमला किया था। तीनों हथियारों से लैस होकर आए और गर्दन व पेट पर कई वार किए, जिससे जीतू की मौके पर ही मौत हो गई। दरअसल, यह हमला एक पुरानी रंजिश का नतीजा था। 4 जनवरी 2020 को जीतू और उसके साथियों द्वारा सराजुद्दीन और अलीशेर से की गई मारपीट के बाद दोनों पक्षों में तनाव चल रहा था, जो आखिरकार खून-खराबे में तब्दील हो गया।
कोर्ट में 18 गवाह, पुलिस की सख्त कार्रवाई
कोटगेट पुलिस ने तीनों आरोपियों को घटना के बाद कई दिनों की मशक्कत कर गिरफ्तार किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 18 गवाहों के बयान दर्ज कराए। सबूतों और बयानों के आधार पर कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई।