Bikaner News
बीकानेर शहर में नहरबंदी खत्म होने के बावजूद जल संकट बरकरार है। पेयजल आपूर्ति अब भी एक दिन के अंतराल पर और कम दबाव से की जा रही है, जिससे लोग मजबूरन टैंकर माफिया की शरण में जा रहे हैं। टैंकर वाले अब भी 6000 लीटर पानी के लिए 800 से 1000 रुपये तक वसूल रहे हैं, जिससे आम जनता की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है।
पड़ताल में सामने आया कि कई मोहल्लों में अब भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पहुंच रहा है। वहीं जलदाय विभाग का दावा है कि शहर में नियमित और पर्याप्त जलापूर्ति की जा रही है। ऐसे में विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप लग रहे हैं कि टैंकर माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर पानी की आपूर्ति सीमित की जा रही है।
गौरतलब है कि इस बार नहरबंदी 11 दिन पहले ही समाप्त कर दी गई थी। पाकिस्तान के साथ तनाव के चलते 21 मई के बजाय 10 मई को ही हरीके बैराज से इंदिरा गांधी नहर में पानी छोड़ दिया गया। इसके बाद जलदाय विभाग ने आगामी दस दिनों के लिए आरक्षित पानी से शहर में नियमित आपूर्ति का दावा किया था।
भीषण गर्मी के चलते पानी की खपत में जबरदस्त इजाफा हुआ है। खासकर गरीब बस्तियों में, जहां जल भंडारण के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, वहां रोजाना की जलापूर्ति ही एकमात्र सहारा है। ऐसे में टैंकर माफिया की चांदी कट रही है — कोई छत पर टंकी में पानी भरवाता है तो उसका भी अलग से पैसा लिया जा रहा है।
अब सवाल ये उठता है कि जब नहरबंदी समाप्त हो चुकी है और जलदाय विभाग के पास आरक्षित जल है, तो फिर शहरवासियों को पानी की नियमित और उचित आपूर्ति क्यों नहीं मिल रही? क्या वाकई विभाग की नीयत पर पानी फिर रहा है, या फिर ये सुनियोजित जल व्यापार का हिस्सा है?