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यह मामला बीकानेर जिले के देशनोक का हैं। जहां फर्जी तरीके से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मकान का पट्टा को बनाया है। इसमें पालिका अध्यक्ष, अधिशासी की अधिकारी व अन्य पर मिलीभगत का आरोप लगाया गया है।
याचक मनमोहन खत्री ने बताया कि, वह देशनोक का रहने वाला है और ने वर्तमान में कामकाज के कारण बनी पार्क जयपुर में निवास करता है। मेरे स्वर्गीय पिता शिवप्रताप खत्री के नाम से देशनोक के सदर बाजार में नगर पालिका की ओर से पुस्तैनी मकान का पट्टा 20 दिसंबर, 82 को जारी किया गया था। इसमें उसका आधा हिस्सा था जो उसे पिता की जरिये वसीयत 5 अप्रैल, 95 को मिला था। पिता के स्वर्गीय के बाद अचल संपत्ति उसकी हो गई। कारोबार के कारण जयपुर रहने लगा तो भाई गणेश खत्री ने इसका फायदा उठाया और नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश मूंधड़ा, अधिशासी अधिकारी बृजेश कुमार सोनी, भूमि शाखा प्रभारी रवि कुमार मोदी, ओमप्रकाश ब्राह्मण, रामकिशन मूंधड़ा, सुखदेव ब्राह्मण व महावीर के साथ मिलकर फर्जी और कूटरचित कागजात तैयार करवाए।
आपराधिक षडयंत्र रचकर गैर कानूनी तरीके से पुस्तैनी भूमि और मकान का पट्टा बना लिया। जबकि, उसने नगर पालिका में आपत्ति पत्र देकर कहा था कि अचल संपत्ति के संबंध में सिविल वाद विचाराधीन है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।