Drone Pilot Training Center Bikaner
बीकानेर की स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में अब किसानों और युवाओं के लिए आधुनिक तकनीक की नई राह खोलने जा रहा है। विश्वविद्यालय ने सोमवार को पीबीसी भारत ड्रोन्स के साथ एमओयू साइन कर ड्रोन पायलट ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने की घोषणा की।
कृषि में ड्रोन का उपयोग:- ड्रोन तकनीक से अब खेतों में फसलों की निगरानी, खाद व कीटनाशक छिड़काव, फसल स्वास्थ्य जांच पहले से कहीं अधिक तेज़ और सटीक होगी। इससे न केवल खेती की लागत कम होगी, बल्कि उत्पादकता और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
कृषि को मिलेगी आधुनिक दिशा:- डॉ. विजय प्रकाश (निदेशक अनुसंधान) के अनुसार, यह तकनीक खेती को सुरक्षित, आधुनिक और पर्यावरण हितैषी बनाएगी। वहीं, वित्त नियंत्रक पवन कस्वां ने कहा कि इस समझौते से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी और विश्वविद्यालय की आय भी बढ़ेगी।
युवाओं के लिए सुनहरा अवसर:- ड्रोन पायलट ट्रेनिंग सेंटर में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास और आयु 18 वर्ष से अधिक तय की गई है। ट्रेनिंग पूरी करने वाले युवाओं को केवल कृषि ही नहीं, बल्कि रक्षा, औद्योगिक क्षेत्र, आपदा प्रबंधन और निगरानी जैसे क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर मिलेंगे।
बीकानेर में शुरू हो रहा यह सेंटर न सिर्फ खेती में क्रांति लाएगा, बल्कि युवाओं के लिए नौकरी और स्टार्टअप के नए रास्ते भी खोलेगा।