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भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए पहली लिस्ट में बीकानेर से सिर्फ श्रीडूंगरगढ़ को शामिल किया है। आमतौर पर ये माना जा रहा था कि बीकानेर पूर्व की सीट की घोषणा सबसे पहले होगी और विरोध के चलते श्रीडूंगरगढ़ की सीट पर अंत में दावेदार घोषित किया जाएगा।
बीकानेर पूर्व विधानसभा बीकानेर जिले में भाजपा की सबसे मजबूत सीट मानी जाती है जिसके कारण संगठन अपनी इच्छा के अनुसार उम्मीदवार तय कर सकता है विधायक सिद्धि कुमारी बीकानेर के राज परिवार से है तीन बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं भाजपा के खाते में सीट डाली हैं,
41 सूची में दो सबसे बड़े नेताओं की टिकट काटकर दूसरे प्रताशियो को टिकट देने के कारण भी कुछ लोगो के मन में सयंश पैदा करता हैं कि कही बीकानेर में भी बदलाव तो नहीं होगा, क्योकि विधाधर नगर सीट से लगातार जीत रहे नरपत सिंह राजवी की टिकट काट दी, जिसके कारण तरह तरह के सवाल भी लोगो के मन में है, क्योंकि झोटवाड़ा सीट भी बदल दी गईं, वहा पर वशुंधरा राजे के सबसे नजदीकी सिपे सलाहकार की टिकट काट दी,
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दरअसल, भाजपा के सर्वे में जिन सीट्स को सबसे मजबूत माना गया था, उनमें बीकानेर पूर्व की सीट है। इस सीट पर अब तक तीन विधानसभा चुनाव हुए हैं और तीनों ही सिद्धि कुमारी ने जीते हैं। ऐसे में तय था कि पहली लिस्ट में सिद्धि कुमारी का नाम आ सकता है। इसके विपरीत पार्टी ने इस सीट पर अभी दावेदार घोषित नहीं किया है। ऐसे में न सिर्फ सिद्धि कुमारी खेमे में थोड़ी मायूसी है बल्कि उनके सामने टिकट मांग रहे दावेदारों की उम्मीद कुछ बढ़ गई है।
यह हो सकता हैं कारण
पहली लिस्ट में बीकानेर पूर्व को शामिल नहीं करने का एक कारण ये हो सकता है कि यहां से भाजपा अपनी जीत तय मानती है। ऐसे में केंडिडेट्स की घोषणा में जल्दबाजी नहीं करना चाहती। सिद्धि कुमारी स्वयं वसुंधरा राजे टीम की सदस्य हैं। पहली लिस्ट में वसुंधरा के अधिकांश तय नाम देने के मूड में पार्टी नहीं दिखती। एक कारण ये भी है कि इस सीट पर किसी नए चेहरे को भी उतार सकती हैं, क्योंकि जीत पार्टी तय मान रही है।